डॉक्टर से अभद्रता पर यूपी के मंत्री बोले, अखिलेश यादव का अराजक चेहरा उजागर

Update: 2020-01-14 11:14 GMT

कन्नौज में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा एक डॉक्टर से अभद्रता और डांटकर भगा देने के मामले पर यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इतने बड़े पद पर रहकर किसी के साथ अभद्रता करना उन्हें शोभा नहीं देता।

मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव का यह व्यवहार उनके व उनकी पार्टी के अराजक चेहरे को उजागर करता है। उनकी पार्टी गुंडों का अखाड़ा है।

उन्होंने कहा कि जब पार्टी का अध्यक्ष दूसरों से ऐसा व्यवहार करता है तो कार्यकर्ताओं का क्या हाल होगा। अखिलेश का यह कृत्य निंदनीय है। संवैधानिक पद पर रह चुके अखिलेश यादव को मर्यादित आचरण करना चाहिए। उनके इस आचरण से समाज में गलत संदेश गया है।

यह था पूरा मामला

दरअसल, बस हादसे में घायल यात्रियों का हालचाल लेने सौ शैय्या अस्पताल पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश यादव डॉ. डीएस मिश्रा के बीच में बोलने पर बिफर गए। सीएमएस डॉ. कुलदीप यादव से डॉ. मिश्रा के बारे में पूछा तो उनकी ईएमओ पद पर तैनाती तथा गोरखपुर के मूल निवासी होने की जानकारी मिली।

गोरखपुर का नाम सुनकर अखिलेश यादव ने कटाक्ष शैली में कहा कि इसी लिए वह सरकार का पक्ष ले रहे हैं। यह भी कहा कि मरीजों से उनकी बातचीत के दौरान डॉक्टर को बीच में नहीं बोलना चाहिए था।

डॉ. डीएस मिश्रा ने अखिलेश यादव पर अभद्रता का आरोप लगाया है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि पूर्व सीएम ने उन्हें भाजपा व आरएसएस का व्यक्ति बताकर कमरे से बाहर निकाल दिया। वह इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात थे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा सुप्रीमो मायावती को जन्मदिन की अग्रिम बधाई देने के साथ ही उन्हें नसीहत दी। कहा कि भविष्य में पैसे की राजनीति छोड़कर बाबा साहब के विचारों की राजनीति करें।

उन्होंने उम्मीद जताई कि मायावती अब कांशीराम के सामाजिक परिवर्तन के रास्ते पर चलेंगी। अपनी गलतियों व भूल सुधारकर अपने जन्मदिन के मौके पर फिर से पुरानी नीतियों व रीतियों के साथ आगे बढ़ेंगी।

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