एसआईटी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, बढ़ सकती हैं छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी की मुश्किलें

Update: 2020-01-13 16:32 GMT

पेरियार हॉस्टल में हुई हिंसा के समय जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष हमलावरों का नेतृत्व कर रही थीं। वह पेरियार हॉस्टल में हमलावरों के आगे चल रही थीं। इस समय भी कुछ हमलावरों ने चेहरे ढके हुए थे। उन्होंने चेहरे पर रुमाल बांध रखा था। यह खुलासा जेएनयू हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की तफ्तीश में हुआ है। इसी कारण दिल्ली पुलिस ने आइषी घोष को जेएनयू हिंसा मामले में आरोपी बनाया है। जेएनयू में झगड़ा वामपंथी व एबीवीपी से जुड़े ग्रुपों के बीच हुआ था और दोनों ने एक-दूसरे पर हमला किया।

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आइशी घोष ने 3 व 4 जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ भी की की थी। सिक्योरिटी गार्ड ने उनको रोका तो उससे धक्का-मुक्का की गई। इसके बाद रजिस्ट्रेशन करा रहे चार छात्रों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई। इन छात्रों ने भी दिल्ली पुलिस को शिकायत दी हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आइशी घोष सभी जगह दिखाई दे रही हैं। सर्वर रूम में तोड़फोड़, सिक्योरिटी गार्ड के साथ धक्का-मुक्की की बात छात्रों से पूछताछ में सामने आई है, जबकि पेरियार हॉस्टल का वीडियो मिला है। वह हमलावरों के आगे चलती दिखी हैं, लेकिन उनके हाथ में डंडा या पत्थर आदि कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।
 एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक, एबीवीपी के चार छात्र रजिस्ट्रेशन कराना चाहते थे, मगर जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारी करने नहीं दे रहे थे। चारों के अड़े रहने पर हमला किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आइशी घोष की अगुवाई में वामपंथी ग्रुप से जुड़े छात्रों ने पेरियर हॉस्टल पर हमला किया। इसके बाद, एबीवीपी के छात्रों ने साबरमती टी प्वाइंट पर शांति मार्च कर रहे विद्यार्थियों और साबरमती हॉस्टल पर हमला किया। पुलिस ने दोनों ग्रुपों के छात्रों को आरोपी बनाया है।

 

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