UP में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर चहका Twitter, ट्रेंड हुआ #UPPoliceReform
करीब 50 वर्षों के इंतज़ार के बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के निर्णय को सोशल मीडिया यूजर्स ने यूपी की योगी सरकार को हाथों हाथ लिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बड़े और ऐतिहासिक बदलाव का एलान किया। लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लोगों की ओर से इस बदलाव को ज़रूरी और ऐतिहासिक बताया जा रहा है। ट्विटर पर #UPPoliceReform इस वक्त ट्रेंड कर रहा है।
आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, आज पुलिस सुधार का सबसे बड़ा कदम सरकार ने उठाया है। इसके तहत प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में विख्यात नोएडा ( गौतमबुद्ध नगर) में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जा रही है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 13, 2020
पुलिस सुधार की घोषणा के सम्बंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर प्रतिक्रिया भी दी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा - राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव व प्रदेश में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति के लिए कदम उठाने की इच्छाशक्ति की कमी के चलते पिछली सरकारें ठोस निर्णय नहीं ले पाईं। यह कदम व्यवस्था एवं जनहित में प्रदेश सरकार के द्वारा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता के लिए उठाया गया है।
पुलिस कमिश्नर व्यवस्था देशभर के 100 से अधिक महानगरों में सफलतापूर्वक लागू है जिसके कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं अब योगी सरकार ने भी यूपी में इसे लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।#UPPoliceReform
— Pooja Singh 🇮🇳 (@ThePoojaSingh1) January 13, 2020
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज एक मिथक टूट गया है कि उत्तर प्रदेश में कभी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू नहीं हो सकती है। देश के 71 महानगरों में बहुत पहले से ही ये प्रणाली लागू है।
पूर्व डीजीपी ने इस फैसले के लिए प्रदेश की जनता, ब्यूरोक्रेसी, पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी है। पूर्वी डीजीपी बृजलाल ने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचायक है। इस प्रणाली में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने और अपराधों को नियंत्रण करने में पुलिस को सीधे अधिकार मिल गए हैं, जिससे वह त्वरित निर्णय लेकर यहां की जनता को राहत पहुंचाएगी। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पहले से ही बहुत अच्छी है उसमें और सुधार होगा और इससे प्रदेश की जनता लाभान्वित होगी।
पूर्व डीजीपी एके जैन ने पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने पर योगी सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हम लोग स्मार्ट पुलिसिंग की तरफ बढ़ रहे हैं। 1861 पुलिस एक्ट के दायरे से बाहर निकलकर पुलिसिंग में बदलाव के लिए यह एक अच्छा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहासिक कदम उठाया है। कई दशकों से कई सरकारों ने इस ओर कदम बढ़ाए, लेकिन आईएएस लॉबी के दबाव में अपने कदम पीछे खींच लिए थे। इस प्रणाली से न सिर्फ कानून व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि महिला अपराधों पर भी रोक लगेगी।
पूर्व डीजीपी ने कहा, यह किसी क्रांति से कम नहीं
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी सराहना करते हुए कहा कि लखऩऊ और नोएडा में पुलिस आयुक्त प्रणाली का लागू होना किसी क्रांति से कम नहीं है। इसके लिए पूर्व डीजीपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी और कहा कि पूरा प्रदेश और पुलिस विभाग आदरणीय योगी जी का बहुत आभारी है कि उन्होंने इस क्रांति का सूत्रपात किया। पूर्व डीजीपी ने कहा कि आजादी के बाद इस प्रणाली को लागू करने के लिए तमाम प्रयास हुए, 1977 में धर्मवीर आयोग ने इसकी प्रबल संतुष्टि की, लेकिन यह हो नहीं पाया। देश के 15 राज्यों में 71 जनपदों में यह व्यवस्था बड़ी सफलता के साथ पहले से ही चल रही है, उत्तर प्रदेश में किन्हीं कारणों से यह नहीं हो पाया था
आज वर्तमान सरकार ने अपनी प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर इसे लागू किया है। पूर्व डीजी केएल गुप्ता ने इस फैसले को प्रदेश सरकार का बोल्ड स्टेप बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मसला साल 1977 से चला रहा था, जिसे आज उत्तर प्रदेश ने लागू कर दिया है।