नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ पकड़े गए पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह पर शिकंजा कसने वाला है. सूत्रों के मुताबिक दविंदर से जल्द ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रॉ (RAW) की टीम पूछताछ करने वाली है. इसके अलावा कहा जा रहा है कि दविंदर का राष्ट्रपति मेडल भी छीना जा सकता है.
गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, दविंदर सिंह को गिरफ्तार करने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने गृहमंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की है. मंत्रालय को कुलगाम के एनकाउंटर और दविंदर सिंह के आतंकियों के साथ साठ-गांठ की सारी जानकारियां भी दे दी गई है. जल्द ही IB और रॉ के अधिकारी दविंदर से पूछताछ कर सकते हैं. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि इस पुलिस ऑफिसर का मेडल भी छीना जा सकता है. बता दें कि पिछले साल 15 अगस्त को उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक (Presidents Gallantry medal) मिला था.
12 लाख का सौदा!
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कार में सवार आतंकियों के साथ DSP ने 12 लाख रुपये की डील की थी. इसके बदले वो उन आतंकियों को सुरक्षित चंडीगढ़ पहुंचाने वाला था. कहा जा रहा है कि इस डील को पूरा करने के लिए दविंदर सिंह ने ऑफिस से चार दिनों की छुट्टी भी ली थी.
कैसे पकड़ा गया DSP दविंदर
जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने शनिवार ऑफिसर और आतंकी को उस वक्त पकड़ा गया, जब ये तीनों एक साथ एक कार में सवार थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि हिजबुल मुजाहिदीन के दो मोस्ट वांटेड आतंकी पीछे की सीट पर बैठा था, जबकि कार को DSP दविंदर सिंह चला रहा था. पकड़े गए आतंकियों में हिजबुल का टॉप कमांडर नवीद बाबू है. इसके अलावा दूसरा आतंकी अल्ताफ था. DSP के घर से दो AK-47 राइफल्स और ग्रिनेड मिले हैं.अफजल गुरू से जुड़े थे तार!
सूत्रों के मुताबिक साल 2004 में संसद हमले का दोषी अफजल गुरू ने दावा किया था कि दविंदर ने उन्हें मोहम्मद नाम के एक शख्स को दिल्ली में किराए पर घर और कार खरीद कर देने को कहा था. मोहम्मद भी संसद पर हमले में शामिल था. जबकि अफजल गुरू को साल 2013 में फांसी दे दी गई थी.