भिलाई इस्पात संयंत्र में फिर हादसा, 6 कर्मचारी गैस रिसाव के शिकार

Update: 2020-01-03 06:12 GMT

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में एक बार फिर गैस रिसाव हुआ। इसकी चपेट में आने से एक अधिकारी सहित पांच कर्मचारी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। सभी को उपचार के लिए सेक्टर-9 हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इनमें से तीन लोगों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। हादसे के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों की सक्रियता की वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया। बताया जा रहा है कि यदि समय पर रिसाव का नियंत्रण नहीं किया जाता तो ब्लास्ट फर्नेस में आग लग सकती थी।

मिली जानकारी के मुताबिक गुस्र्वार की देर रात ब्लास्ट फर्नेस 8 में इस्पात उत्पादन के दौरान गैस का प्रेशर बना। इससे पाइप लाइन में गैस रिवर्स हुई और हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि लाइन में रिसाव से बचने के लिए कई पॉइंट पर यू सील लगा हुआ है, जो ऑटोमेटिक खुल गया।

जहां से गैस बाहर निकाली, ताकि फर्नेस में बड़ा हादसा ना हो सके। जिस पॉइंट से गैस निकलती है वहां इंडिकेटर होता है जिससे कर्मचारी अधिकारी दूर हट जाते हैं। सायरन की आवाज सुनते ही कर्मचारी वहां से हटने लगे थे। इसी स्थान पर लोको में 4 कर्मचारी बैठे थे जो हट नहीं सके इस वजह से उन्हें गैस लगी।

गैस की चपेट में आए लोगों को बचाने के लिए एनर्जी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के 4 कर्मचारी मौके पर गए। इनमें से दो कर्मी को भी गैस लगी। हॉस्पिटल में कुल 6 लोगों को भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि ईएमडी के डीजीएम राजेश कुमार मेंटेनेंस के दौरान इसकी चपेट में आए।

तीन कार्मिकों को आईसीयू में और 3 को वार्ड में भर्ती किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि सभी की सेहत स्थिर है। मॉनिटरिंग के लिए आईसीयू में रखा गया है। गैस की चपेट में आने वालों में लोको चालक अभिषेक आनंद 26 साल निवासी नेहरू नगर पूर्व,सिग्नल मेन बालकृष्णा 27 साल निवासी खुर्शीपार,लोको चालक खुर्शीपार निवासी के.नागराज 33 साल, संतोष कुमार व कालीदास शामिल हैं।

बता दें कि 9 अक्टूबर 2018 को गैस कांड से 14 कार्मिकों की जान गई थी। वर्ष 1955 में सोवियत रूस के सहयोग से स्थापित किए गए भिलाई इस्पात संयंत्र की अधोसंरचना काफी पुरानी हो चुकी है। यहां रिनोवेशन का काम नहीं हो पाने की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

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