सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा AIMPLB

Update: 2019-11-17 10:19 GMT

लखनऊ. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ऐलान कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल करेगा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ के मुमताज डिग्री कॉलेज में 3 घंटे चली बैठक के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये निर्णय लिया. बोर्ड की प्रेस कांफ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पेटीशन दाखिल करेगा. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने साथ ही फैसला किया है कि मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है.

पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष हजरत मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई. इसमें मुख्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले में दिए गए 10 निष्कर्षों मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनमें प्रमुख रूप से सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 1857 से 1949 तक बाबरी मस्जिद का तीन गुंबद वाला भवन और मस्जिद का अंदरूनी सदन मुसलमानों के कब्जे व प्रयोग में रहा है. अंतिम नमाज 16 दिसंबर 1949 को पढ़ी गई थी. 22/23 दिसंबर, 1949 की रात बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद के नीचे असंवैधानिक रूप से रामचंद्रजी की मूर्ति रख दी गई और बीच वाले गुंबद के नीचे की भूमि का जन्मस्थान के रूप में पूजा किया जाना साबित नहीं है.

बता दें इससे पहले बैठक के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madani) ने कहा कि हम फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन (पुनर्विचार या समीक्षा याचिका) दायर करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें मालूम है रिव्यू पिटीशन का हाल क्या होना है, लेकिन फिर भी हमारा यह हक है. उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड की बैठक में क्या फैसला हुआ यह प्रेस कॉन्फ्रेंस में पता चलेगा. अरशद मदनी ने कहा कि हम न मस्जिद को दे सकते हैं और न ही उसकी जगह कोई जमीन ले सकते हैं. मुकदमे में हमें हमारा हक नहीं दिया गया. मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी.

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