न रिटायर होऊंगा, न किसी को रिटायर होने के लिए कहूंगा… 75 साल में रिटायरमेंट पर बोले मोहन भागवत

Update: 2025-08-28 13:24 GMT

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 75 साल में रिटायरमेंट को लेकर बड़ी बात कही. उनसे सवाल किया गया कि क्या 75 साल में राजनीति छोड़ देनी चाहिए? इसके जवाब में मोहन भागवत ने कहा कि 75 साल में रिटायर होने की जरूरत नहीं है. न मैं रिटायर होऊंगा, न किसी को रिटायर होने के लिए कहूंगा. उन्होंने कहा कि हम जब तक चाहें, काम कर सकते हैं.


उन्होंने कहा कि मैंने ये बात मोरोपंत जी के बयान का हवाला देते हुए उनके विचार रखे थे. मैंने ये नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए. हम जिंदगी में किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं और संघ हमसे जिस भी समय तक काम कराना चाहेगा, हम संघ के लिए उस समय तक काम करने के लिए भी तैयार हैं.

’75 की उम्र बधाई की नहीं, विदाई की होती’

दरअसल, कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने कहा था कि 75 की उम्र बधाई की नहीं, विदाई की होती है. 75 साल की उम्र में नेताओं को रिटायर हो जाना चाहिए. सरसंघचालक ने 9 जुलाई को संघ विचारक मोरोपंत पिंगले के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’ के विमोचन के दौरान यह बात कही थी.

भागवत ने कहा कि 75 साल की उम्र में शॉल ओढ़ाए जाने का मतलब है कि उम्र हो गई है. अब दूसरों को मौका देना चाहिए. उनके इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मच गई क्योंकि मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही सितंबर 2025 में 75 साल के हो जाएंगे. संघ प्रमुख का बर्थडे 11 सितंबर और पीएम मोदी का बर्थडे 17 सितंबर को है.

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