'पीठाधीश्वर' की पारंपरिक विशेष वेशभूषा में CM योगी, गोरखपुर में उमड़ा जनसैलाब

Update: 2019-10-08 10:43 GMT

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ मंगलवार को नाथ संप्रदाय की विशेष वेशभूषा में नजर आ रहे हैं. गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बड़ी संख्या में वेद पाठी बालक शस्त्र त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे है. सबसे पहले योगी आदित्यनाथ गुरु गोरक्षनाथ के समक्ष गर्भ गृह में पहुंचे जहां उन्होंने श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन संपंन किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त मंदिर परिसर में मौजूद है. वहीं पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है.

न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में योगी

बैड बाजार के साथ डमरु, बीन, शंख बजाने वाले कलाकारों के श्रद्धा से भरे शौर्य पूर्ण प्रदर्शन ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया. मंदिर का पूरा परिसर एक आध्यात्मिक एवं सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजयदशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे. विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी.

अदालत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को सुलझाएंगे. पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाने रखने के लिए की जाती है. बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है. शारदीय नवरात्र में सीएम योगी नौ दिन तक व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते है. शारदीय नवरात्र में योगी अपने भवन से बाहर नहीं निकलते हैं. अष्टमी के दिन शस्त्र की पूजा की जाती है.

क्या है नाथ पीठ की परंपरा

परंपरा है कि गोरक्षपीठाधीश्वर को कलश स्थापना के बाद पूरे नवरात्र अपने आवास में ही निवास करना होता है. हालांकि मुख्यमंत्री पद के दायित्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ के लिए ऐसा करना संभव नहीं लेकिन वो जब तक मंदिर में रहेंगे अपने आवास से बाहर नहीं निकलेंगे.

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