अयोध्या. राम की नगरी अयोध्या में आस्था की अनोखी मिसाल देखने को मिली है. यहां मंडल कारागार में बंद 13 मुस्लिम कैदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है. यही नहीं इन मुस्लिम कैदियों ने कलश स्थापना भी की. वह सुबह शाम पूजा पाठ भी करते हैं. वहीं जेल में मुस्लिम कैदियों द्वारा व्रत रखे जाने पर जेल प्रशासन उनका सहयोग कर रहा है. सबसे खास बात है कि एक मुस्लिम कैदी ने नवरात्रि का व्रत रखा है. संयोग से इसी नवरात्रि में फैसल को कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषमुक्त करार दे दिया.
हिन्दू कैदियों ने की मदद
अयोध्या के मंडल कारागार में अपने गुनाहों की सजा काट रहे 13 मुस्लिम बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा रखा है. जिन बंदियों ने व्रत रखा है उनमे इरशाद, अल्ताफ, ताज मोहम्मद, इरफान, रिजवान, तुफैल उबेद, सिरताज, जमशेद,लवेदी, टीपू, सदान व फैसल शामिल हैं. इन मुस्लिम कैदियों ने नौ दिन का व्रत रखने के साथ ही कलश स्थापना भी की है. पूजा में किसी भी त्रुटि से बचने के लिए वह हिन्दू कैदियों की मदद भी हिन्दू कैदियों की मदद भी लेते हैं. मुस्लिम कैदियों की ये आस्था पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है.
नवरात्रि के दौरान दोषमुक्त हुआ मुस्लिम कैदी
जेल अधीक्षक बृजेश कुमार के मुताबिक़ जेल में कुल 450 कैदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा है, जिनमे 13 मुस्लिम कैदी भी शामिल हैं. बता दें कि मुजफ्फरनगर जेल से ट्रांसफर होकर आया बंदी फैसल हत्या के आरोप में जेल में बंद है. उसने दुसरे मुस्लिम कैदियों को देखकर नवरात्रि का व्रत रखा है. संयोग से इसी नवरात्रि में फैसल को कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषमुक्त करार दे दिया. वह इसे मां दुर्गा की कृपा मानते हुए पूरी शिद्द्त से नवरात्रि व्रत का पालन कर रहा है.
कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद मुस्लिम कैदी फैसल ने बताया कि मां दुर्गा पर हमारी पूरी आस्था हैं. जिसका नतीजा है कि मैं आज दोषमुक्त हो गया हूं. इससे पहले साल 2018 में बाराबंकी जिला कारागार में बंदियों ने आस्था की मिसाल पेश की थी. जेल में कुल 276 बंदियों ने नवरात्रि का व्रत रखा था उसमे से 20 मुस्लिम कैदी भी शामिल थे.