सर्जिकल स्ट्राइक से पाक आतंकियों को सबक सिखाने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति पाक में बैठे आतंक के आकाओं के होश ठिकाने लगाने की है। सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर फिलहाल दाऊद इब्राहिम नहीं बल्कि आतंक के आका के रूप में पहचान रखने वाले जमात- उद- दावा के मुखिया हाफिज सईद, जैश- ए- मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और हिजबुल मुजाहीद्दिन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन को निशाना बनाने की है।
वैसे सर्जिकल ऑपरेशन के बाद आतंक के आकाओं की पाक एजेंसियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है। मगर भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर इन नेताओं की पल-पल की जानकारी है। अगले तीन-चार महीने में किसी भी वक्त मौका पाते ही इनमें से किसी एक का नंबर लग जाएगा। सरकार की ओर से सुरक्षा एजेंसियों को इस आशय के संकेत दे दिए गए हैं। सरकार की रणनीति यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ऑपरेशन को अंजाम दिए जाने की है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पाक की नींद सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से उड़ी हुई है। उनकी परेशानी का सबब भारतीय सेना के जरिए हुई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है। बल्कि हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाउद्दीन की सुरक्षा उनके लिए चुनौती बनी हुई है। जिस तरीके से भारतीय जांबाजों ने सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया है, उससे पाक हुक्मरानों को लगता है कि भारत उनके यहां रह रहे आतंकी आकाओं को कभी भी निशाना बना सकता है। यही वजह है कि पाक की कोशिश भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति को समझने की है। मगर इस मामले में उसे सफलता अब तक नहीं लगी है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पाक की नींद सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से उड़ी हुई है। उनकी परेशानी का सबब भारतीय सेना के जरिए हुई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है। बल्कि हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाउद्दीन की सुरक्षा उनके लिए चुनौती बनी हुई है। जिस तरीके से भारतीय जांबाजों ने सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया है, उससे पाक हुक्मरानों को लगता है कि भारत उनके यहां रह रहे आतंकी आकाओं को कभी भी निशाना बना सकता है। यही वजह है कि पाक की कोशिश भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति को समझने की है। मगर इस मामले में उसे सफलता अब तक नहीं लगी है।