मुलायम परिवार में 'जंग': प्रदेश अध्यक्ष पद गंवाने के बाद अखिलेश ने शिवपाल से छीने कई मंत्रालय
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को कमान सौंपी गई है। पिछले काफी समय से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इस फैसले को संतुलन साधने के तौर पर देखा जा रहा है।
सोमवार को ही अखिलेश यादव ने अपने दो मंत्री- गायत्री प्रसाद प्रजापति और राज किशोर सिंह को हटाया था। प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। इसके बाद मंगलवार को अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाकर उनकी जगह राहुल भट्नागर को जिम्मेदारी सौंपी। सिंघल को इस पद पर रहते हुए दो महीने ही हुए थे। दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।
मुख्य सचिव के हटने के कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से हटाने की खबर ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
शिवपाल यादव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लिया। अखिलेश ने शिवपाल से अहम मंत्रालय छीन लिए। शिवपाल के पास करीब 10 मंत्रालयों का पदभार था। सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव को सहकारिता, राजस्व मंत्रालय दिया सकता है। वहीं लोक निर्माण विभाग स्वयं अखिलेश ने लिया है।
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मुख्य सचिव के हटने के कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से हटाने की खबर ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
शिवपाल यादव को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लिया। अखिलेश ने शिवपाल से अहम मंत्रालय छीन लिए। शिवपाल के पास करीब 10 मंत्रालयों का पदभार था। सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव को सहकारिता, राजस्व मंत्रालय दिया सकता है। वहीं लोक निर्माण विभाग स्वयं अखिलेश ने लिया है।