लखनऊ के आसपास इलाकों में कई महीने से हाहाकार मचाने वाला बावरिया गैंग शुक्रवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूरे गैंग में 4 पुरुष, 8 महिलाएं और इनके साथ बच्चे भी हैं। ये गैंग दो लग्जरी कारों से भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने जब इनकी तलाशी ली तो होश उड़ गए।लखनऊ पुलिस को सूचना मिली कि दो चार पहिया गाड़ियों से कुछ अपराधी भाग रहे हैं। सूचना पर अलर्ट हुई पुलिस ने वाहनों को तलाश शुरू की तो मिर्जागंज चौराहे पर दो गाड़ियां लखनऊ की तरफ आती हुई दिखाई दीं।
दो लग्जरी गाड़ियों में चार पुरुष और आठ महिलाएं बैठी थीं। गाड़ी रोककर तलाशी की गई तो पुलिस को 1,43,500 रुपये नगद और सोने की कई चेन अंगूठी, झुमकी, मंगलसूत्र, हाय के साथ काफी मात्रा में चांदी के जेवर बरामद हुए।
पुलिस ने गाड़ी में सवार इन लोगों से कड़ाई से पूछतांछ की तो उन्होंने कुबूला कि वे बावरिया गिरोह से हैं। उन्होंने बताया, हमारे कुछ साथी लखनऊ में पकड़े गए हैं तो हम जिले से भाग रहे थे। बताया कि ये लोग रात में घरों के ताले तोड़कर, लोगों को बंधक बनाकर लूटपाट करते थी। औरतें दिन में रेकी करती थी।
पुलिस की गिरफ्त में आए गिरोह के सदस्यों ने कुबूल किया कि काफी दिनों से लखनऊ और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पैसे और गहने इकट्ठे कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ वारदातों की तारीख उन्हें याद है और कुछ की भूल गए।
कुबूलीं ये वारदातें 18-19 जुलाई को सिहालमऊ में हारून के घर से 50,000 रुपये। 25 जुलाई की रात मुजासा में साबिर अली के घर से 50,000 रुपये और सामान। 5-6 अगस्त की रात हरदोइया लाल नगर के संतराम के घर से जेवर और 65,000 रुपये। इसी गांव के संतराम के घर से जेवर भी लूटे थे। 20 अगस्त को टिकरीकला गांव की श्रीदेवी के घर में लूट की थी। 9-10 अगस्त को हटौली गांव में नबीबहसन और गांव अमीनगंज में विपिन और विपिन के भाई को बंधक बनाकर रुपये और जेवरात लूटे थे।