कान्हा की नगरी में जन्माष्टमी की धूम, उमड़ा भक्तों का सैलाब

Update: 2016-08-25 20:07 GMT

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर पूरी कान्हा नगरी लघु भारत बन गई। देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं पहुंचे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान में प्रवेश के लिए कतारबद्ध खडे़ भक्तों के पैर धूप में सड़क पर न जलें इसके लिए नगर पालिका की ओर से कारपेट बिछाई गई। पालिका के सफाई कर्मचारी शहर में स्वच्छता का संदेश देते हुए सफाई कार्य में जुटे रहे। इसका असर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आसपास और कोतवाली रोड, दरेसी रोड पर साफनजर आया। हर कोई भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव में भाग लेने को उतावला दिखा। 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा की नगरी में भक्ति की रसधार बही। यशोदा जनौ ललना मचो है आज हल्ला...। राधा के गिरधर गोपाल...। नैनन में श्याम समायगो...। हम सब बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू...। शहर की गली-गली और चौराहों पर भक्ति संगीत की स्वर लहरियों में कान्हा के भक्त नाचते-गाते रहे। ग्रामीण अंचल से आए लोग तो झुंड में भक्ति गीतों को अपने स्वर भी देने लगे।

500 वर्ष से भी अधिक समय से नंदभवन में समाज गायन की परंपरा चली आ रही है। बताया जाता है कि गोस्वामीजनों के पूर्वज आनंदघन बाबा ने इसकी शुरुआत की। इस समय मंदिर में समाज गायन का दौर चल रहा है। यह क्रम पूर्णिमा से शुरू हो चुका है। दूज तिथि से दोपहर में आज बधायौ ब्रजराज के रानी जायौ मोहन पूत नामक पद से जन्म बधाइयों का गायन शुरू हो जाता है। समाज का तिथि और पर्व के अनुसार गायन किया जाता है।

धर्मनगरी गुरुवार को अपने आराध्य कन्हैया के जन्म के उत्साह से सराबोर रही। हर ओर सतरंगी छटा कान्हा के आगमन को सूचित कर रही थी। विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर और सप्त देवालयों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया।


Similar News