16 आईएएस अफसरों के तबादले करने के 24 घंटे के भीतर ही प्रदेश सरकार ने अपने आदेश में संशोधन किया है। समीर वर्मा को सचिव, गृह विभाग से अब पीडब्ल्यूडी का सचिव बना दिया गया है। इससे पहले वे मेरठ में जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे।
बता दें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुल्तानपुर सहित नौ जिलों के डीएम समेत 16 आईएएस अफसरों के तबादले के आदेश किए थे। आयोग ने आगरा के डीएम गौरव दयाल और इलाहाबाद के डीएम सुहास एलवाई. को हटाने के शासन के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी।
प्रदेश सरकार ने पिछले 11 जनवरी को 28 आईएएस और आठ पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इनमें ज्यादातर अधिकारी एक जनवरी को विभिन्न वेतनमानों में पदोन्नत हुए थे। उन्हें उनकी पदोन्नति के समतुल्य पदों पर तैनाती दी गई थी।
जिलों में मतदाता पुनरीक्षण अभियान जारी होने से सुल्तानपुर, बस्ती, रामपुर, बांदा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, महोबा, झांसी, बिजनौर, इलाहाबाद और आगरा के डीएम को मौजूदा पदों से हटाने और इनके स्थान पर नए अधिकारियों की तैनाती के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा था।
प्रदेश सरकार ने मेरठ के डीएम समीर वर्मा को गृह विभाग को सचिव बनाया था लेकिन इस आदेश में बुधवार सुबह संशोधन कर उन्हें पीडब्ल्यूडी का सचिव बना दिया गया।
तबादलों में बांदा के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और रामपुर के डीएम शिव सहाय अवस्थी ही डीएम की कुर्सी बचा पाए हैं। महेंद्र को रामपुर व शिव सहाय को झांसी जिले का डीएम बनाया गया है। इनके अलावा जिलों में बतौर कलेक्टर तैनात, सचिव वेतनमान में पदोन्नत अफसरों को हटाकर नई तैनाती दे दी है।
जिलों में हटाए गए अधिकारियों में कई ऐसे थे जिनकी शासन को लगातार शिकायत मिल रही थी। उन्हें हटाकर कम महत्व के पदों पर भेजा गया है। फिलहाल गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला का तबादला नहीं हो सका है। गोरखपुर में खिचड़ी मेले की वजह से उनके तबादले का प्रस्ताव आयोग को नहीं भेजा गया था।