मीडिया से बातचीत : शिवपाल ने कहा कि 'प्रदेश का दौरा कर रहा हूं, सब कुछ देख रहा हूं और मस्त हूूं
चुनाव मेें अखिलेश ने जो गलतियां की वह मीडिया को क्यों बताएं, मिलने पर अखिलेश को ही बताएंगे। हां इतना जरूर कहूंगा कि अगर बिखराव न हुआ होता तो सपा की ही सरकार बनती। ये बात सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को एक शादी समारोह में पत्रकारों से बातचीत में कही।
फर्रुखाबादः सपा नेता शिवपाल सिंह यादव गुरुवार दोपहर मेजर एसडी सिंह मेडिकल कॉलेज के एमडी डा. अनार सिंह यादव की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत की।
दो दिन पहले दिए बयान, 'अखिलेश ने गलती न की होती तो मुख्यमंत्री होते' सवाल पर शिवपाल सिंह ने कहा कि वह गलती मीडिया को नहीं बता सकते। उल्टे सवाल दागा, मीडिया को बताने से क्या होगा, गलतियां अखिलेश को ही बताएंगे।
विधानसभा चुनाव के आठ महीने बाद सपा की स्थिति क्या मजबूत हुई है। इस सवाल पर शिवपाल सिंह ने कहा कि 'मैं इतना कह सकता हूं कि अगर बिखराव नहीं होता तो यूपी में सपा की ही सरकार होती'।
लोकसभा चुनाव तक क्या आप एक होंगे, इस सवाल पर सपा नेता ने कहा कि समय का इंतजार करो।
यह पूछने पर कि निकाय चुनाव में योगी खुद प्रचार संभाले हैं, फिर सपा के बड़े नेता मैदान में क्यों नहीं आ रहे, इस पर सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह संगठन के किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए कुछ नहीं कह सकते।
शिवपाल ने कहा कि 'प्रदेश का दौरा कर रहा हूं, सब कुछ देख रहा हूं और मस्त हूूं'।
निकाय चुनाव में सपा की क्या स्थिति रहेगी, इस सवाल पर शिवपाल ने कहा कि जहां निष्ठावान और अच्छे प्रत्याशी दिए हैं, वहां ही सपा की जीत होगी। यानी जहां गुटबाजी है वहां हार होगी, इस पर शिवपाल ने कहा कि ये संगठन से पूछो जाकर।
प्रदेश की कानून व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ प्रदेश को संभाल नहीं पा रहे हैं। जिस उम्मीद से लोगों ने भाजपा को वोट दिया, उस पर सरकार खरी नहीं उतर पा रही है।
राम मंदिर निर्माण में संतों का सहयोग लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से मंदिर बने ये अच्छा है।
सपा द्वारा मथुरा में श्रीकृष्ण के साथ दुर्योंधन की मूर्ति लगवाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये अखिलेश से ही पूछ लेना। राम, कृष्ण हमारे आराध्य हैं, उनकी आस्था से ही हमारा देश चल रहा है।
डिंपल को चुनाव न लड़ाने की अखिलेश की घोषणा के सवाल को पूर्व सहकारिता मंत्री टाल गए।