कानपुर में टिकट कटने से नाराज सपाइयों का बवाल, पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़

Update: 2017-11-06 00:41 GMT
टिकट कटने से नाराज कानपुर के सपाइयों ने पार्टी कार्यालय पर जमकर बवाल और तोड़फोड़ की। पोस्टर, बैनरों को आग के हवाले कर दिया। नवीन मार्केट में घूम-घूमकर नारेबाजी की। लखनऊ से आए प्रभारी और नगर अध्यक्ष के साथ अभद्रता की। मारपीट में कई कार्यकर्ता चुटहिल हो गए। तीन घंटे मची अफरातफरी से मार्केट पूरी तरह बंद हो गयी।
नगर निकाय चुनाव के लिए पार्षद उम्मीदवारों की घोषणा रविवार को की जानी थी। शनिवार की रात प्रभारी पूर्व मंत्री अताउर्रहमान कानपुर पहुंच गए। सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय पर उन्होंने सभी वार्डों के उम्मीदवारों को बुलवा लिया। हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई। एक एक कर पार्टी सिम्बल दिया जाना था। गोविंद नगर और किदवईनगर के कार्यकर्ताओं की पुकार शुरू हुई। कार्यालय के भीतर जैसे की आठ-नौ वार्डों के टिकट की घोषणा हुई वैसे की बवाल शुरू हो गया। कार्यकर्ता पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाने लगे और प्रभारी व नगर अध्यक्ष से भिड़ गए। कार्यालय के बाहर दो गुटों के समर्थक कार्यकर्ता भी भिड़ गए। बाहर और भीतर हंगामा होने लगा। बाहर कुछ कार्यकर्ता विधायक हाजी इरफान सोलंकी से भिड़ गए।
इस बीच टिकट बंटवारे का काम रोक कर प्रभारी व नगर अध्यक्ष कार्यालय छोड़कर बाहर निकल आए। बाहर कार्यकर्ताओं ने घेर लिया। कुछ कार्यालय ने बैनरों को इकट्टा करके आग लगा दी। कार्यालय पर लगे पोस्टरों को भी उखाड़ दिया। हंगामा बढ़ता देकर प्रभारी को ग्रामीण पार्टी अध्यक्ष महेन्द्र सिंह यादव ने सहारा दिया। प्रभारी ग्रामीण कार्यालय पहुंच गए। यहां भी कार्यकर्ताओं की भीड़ पहुंच गई। वीआइपी केबिन के शीशे ग्रामीण कार्यालय के भी तोड़ दिए गए। इस बीच नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद और विधायक इरफान सोलंकी भी दूसरे रास्ते से निकल गए। कार्यकर्ता हंगामा करते रहे। देर शाम तक अलग अलग जगहों पर जाकर टिकट बांटे गए।
पैसे के लेनदेन का आरोप
कुछ कार्यकर्ता पैसे पर टिकट देने का आरोप लगाया तो कुछ कार्यकर्ताओं ने अपने पैसे वापस लेने की मांग रखी। गोविंदनगर के रतनलाल नगर से टिकट मांग रही जया सिंह ने आरोप लगाया कि उनसे दो लाख रुपए मांगे गए। पार्टी कार्यालय में उन्हें गाली दी गई और धक्के देकर कार्यालय से बाहर कर दिया गया। पार्टी के प्रभारी के सामने कार्यकर्ता रईस अंसारी, शोभित चौहान और रेनू ने आरोप लगाया कि उनसे पैसे लिए गए हैं।
पार्षद का भी टिकट नहीं मिला
पूर्व पार्षद व सपा नेता कीर्ति अग्निहोत्री मेयर पद की दावेदार थी। प्रभारी के सामने वह अपनी बात कहते कहते रोने लगीं। उन्होंने कहा कि चौका-बरतन करने वाली महिला को टिकट दिया गया है। पार्टी के लिए वह खुद संघर्ष कर रही हैं। उन्हें पार्षद का भी टिकट नहीं दिया गया। कीर्ति अग्निहोत्री ने परमट वार्ड से मौजूदा भाजपा की मेयर पद प्रत्याशी को हराया था। वहां मौजूद मेयर पद उम्मीदवार भी हड़बड़ा गईं। वह भी बैठक छोड़कर चली गईं।
अध्यक्ष और विधायक गुट आमने-सामने
सपा में जारी अंदरुनी कलह सतह पर आ गई। नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद और विधायक अमिताभ वाजपेई गुट खुलकर आमने सामने आ गए। दोनों ओर से कार्यकर्ता पूरी तैयारी के साथ आए थे। सीसामऊ, कैंट और आर्यनगर में सबसे अधिक विवाद है। इसी बवाल की आशंका को भांपते हुए गोविंदनगर और किदवई नगर विधानसभा में टिकट की घोषणा सबसे पहले शुरू की गई। इसी बीच ही बवाल खड़ा हो गया। एक दूसरे गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़े रहे। बताया जा रहा है सबसे अधिक नाराजगी इस बीच को लेकर थी कि चुनाव से पहले आर्यनगर विधानसभा के कुछ भाजपा पार्षदों ने सपा का दामन थामा था। इसे लेकर सपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। उनका टिकट होने से कार्यकर्ता नाराज चल थे। पार्टी संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक सीसामऊ, कैंट और आर्यनगर में कुछ ऐसे लोगों को टिकट दिया है जो पार्टी उम्मीदवार को हराने में लगे हुए थे। अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ परचा भी भर दिया था। सीसामऊ और कैंट में भी अनजाने लोगों को टिकट देने से नाराजगी थी। उधर हाजी फजल महमूद और विधायक अमिताभ वाजपेई ने किसी तरह गुट बनाए जाने से इनकार किया है।

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