हार्दिक पटेल को हाईकोर्ट से मिली जमानत, 6 महीने तक गुजरात से रहना होगा दूर

Update: 2016-07-08 11:47 GMT
राजद्रोह के केस में जेल में बंद हार्दिक पटेल के लिए राहत का खबर आई है। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल को जमानत देने का फैसला सुनाया है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि उन्हें  6 महीने तक गुजरात से बाहर रहना होगा।
गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को राजद्रोह मामले में जेल भेजा गया था। हार्दिक पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से युवाओं को खुद की आत्महत्या के बजाय पुलिसवालों की हत्या करने की सलाह दी थी।

आरोप है कि हार्दिक पटेल ने एक युवा विपुल पटेल से कहा था कि यदि तुम्हारे में इतनी हिम्मत है तो जाओ और कुछ पुलिस वालों को मार दो। उन्होंने कहा था कि पटेल कभी आत्महत्या नहीं करते। इससे पहले विपुल ने आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने की घोषणा की थी।

इस मामले में हार्दिक पटेल के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में हार्दिक पटेल की 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद में हुई पाटीदार समाज की रैली से पहले अपने समर्थकों को भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे थे।



हार्दिक पर राजद्रोह का केस


हार्दिक पटेल पर आरोप है कि उन्होंने एक घंटे के भीतर पूरा गुजरात जला देने की बात कही थी। इसमें वह अपने सहयोगियों को तोड़फोड़ और आगजनी के लिए उकसा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने करीब 40 कॉल इंटरसेप्ट किए हैं, जिनका टेप जारी किया गया। हार्दिक पटेल और उनके सहयोगियों के बीच ज्यादातर बातचीत गुजराती में हुई है। इसमें ट्रेनों में आग लगाने की कोशिश से लेकर बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने की बात किए जाने का सिलसिलेवार जिक्र है।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और पांच अन्य लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोपों के तहत दर्ज 27 पृष्ठों वाली प्राथमिकी में कहा गया कि हार्दिक ने अपने समुदाय के लोगों को गुजरात सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हिंसक तरीके अपनाने के लिए उकसाया था।

जांच एजेंसी ने हार्दिक के भाषणों और टेलीफोन पर हुई बातचीत का जो ब्योरा पेश किया है, उसमें उन्होंने आंदोलकारियों को राज्य सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भड़काया था।


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