विस्तार के साथ ही पीएम मोदी, अमित शाह ने तैयार किया पूर्वांचल में अभेद किला

Update: 2016-07-05 08:41 GMT
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने राजनीति का मास्टरस्ट्रोक चलते हुए यूपी में विपक्षी दलों को चित कर दिया है. अपने दूसरे कैबिनेट विस्तार के साथ ही बीजेपी ने पूर्वांचल की 127 सीटों को अपने अभेद किले में परिवर्तित कर सपा, बसपा और कांग्रेस को संकट में डाल दिया है.

यूपी चुनाव जीतने के लिए सारी ताकत लगा चुकी बीजेपी ने पूर्वांचल साधने की कोई कसर नहीं छोड़ी है. बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को केंद्र बनाकर पुर्वांचल मे कुछ इस तरह का राजनितीक रक्षा कवच तैयार कर दिया है जिसे भेदना विपक्षी दलों के बस की बात नहीं दिखाइ पड़ रही है.

पहले से ही वाराणसी से लगे गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा और देवरिया से सासंद कलराज मिश्रा को मंत्री बनाकर बीजेपी ने इस इलाके के लोगों को साफ संदेश दिया था कि पूर्वांचल उनके लिए खासा महत्व रखता है. और आब ताजा विस्तार मे बीजेपी ने पूर्वांचल के दो और सांसदो को शामिल करके अपनी नींव को और भी मजबूत कर लिया है. मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल और चंदौली के सांसद महेन्द्रनाथ पाण्डेय को मंत्री बनाये जाने का बीजेपी को बहुत लाभ होगा.

बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही अपना दल से गठबंधन किया है. पटेल वर्ग के नेतृत्व करने वाले इस राजनीतिक दल में पहले ही मां-बेटी में लड़ाई चल रही है. पटेल वर्ग भी असमंजस में था कि वह मां कृष्णा पटेल के साथे जाएं या फिर अनुप्रिया पटेल का साथ दें. बीजेपी ने अनुप्रिया को मंत्री बना कर अपना दल में उनके कद को बहुत उंचा कर दिया है. जिससे पटेल समुदाय को लगेगा कि अनुप्रिया का साथ देने में उन्हें फायदा होगा. ऐसे में पटेल समाज पर नीतीश कुमार का जादू भी नहीं चलेगा और यूपी विधानसभा चुनाव में पटेल समुदाय बीजेपी के पक्ष में मतदान करेगा.

2017 में है पूर्वांचल पर नजर 

अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो 2014 लोक सभा चुनावों में सपा के गढ़ समझे जाने वाले पूर्वांचल में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. आजमगढ़ की सीट को छोड़कर बीजेपी ने सभी पर जीत हासिल की थी. जहां एक ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा की हालत खस्ता नजर आ रही है, ऐसे में बीजेपी ने अपना ध्यान पूर्वांचल की सीटों पर केन्द्रित करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि एक बार फिर बीजेपी की नजर पूर्वांचल पर है. यहां मिलने वाली जीत से ही यूपी में पार्टी का 14 साल का बनवास ख़त्म होगा. यही वजह है कि इस समय मोदी कैबिनेट में पूर्वांचल से चार मंत्री शामिल हैं.

इसके अलावा 12 जुलाई को पीएम मोदी का गोरखपुर दौरा भी इसी रणनीति का एक हिस्सा है. इस दौरान वे एम्स और अन्य तोहफों की वर्षात कर यह जरुर दिखायेंगे की पूर्वांचल उनकी विकास एजेंडे में सबसे ऊपर है.

मोदी कैबिनेट से 6 मंत्रियों का इस्तीफा

आज जहां एक ओर 19 नए चेहरों को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया वहीँ छह मंत्रियों की छुट्टी भी हो गई. मोदी कैबिनेट के छह मंत्रियों ने कैबिनेट विस्तार से पहले अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा जिसे स्वीकार कर लिया गया.

इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में यूपी के रामशंकर कठेरिया, निहाल चंद, सांवरलाल जाट, मनसुख बसावा, मोहन कुंडारिया और जेएम सिद्धेश्वर.

Similar News