अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुछ ही महीने बाकी है। इसी साल नवंबर में चुनाव होना है। पद की दौड़ में हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं। दोनों नेताओं और उनकी पार्टियों के हालिया रुख से लग रहा है राष्ट्रपति कोई भी बने, पाकिस्तान के लिए मुसीबत ही खड़ी होगी।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि इसी हफ्ते हिलेरी की डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना 'पार्टी प्लेटफॉर्म' (अमेरिका में इसे चुनावी घोषणापत्र कहते हैं) जारी किया। इस घोषणापत्र में कहा गया कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो यह सुनिश्ति किया जाएगा कि पाकिस्तान में किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को पनाह न मिले।
इसके अलावा अफगानिस्तान में शांति प्रकिया बहाल करने की कोशिशों में लगी अमेरिकी सेना को भी वहां से नहीं हटाया जाएगा।
राष्ट्रपति बनने के बाद हिलेरी भी ओबामा के नक्शे कदम पर विदेश नीति जारी रखेंगी, इसके संकेत भी घोषणापत्र में साफ मिलते हैं।
इसके अलावा अफगानिस्तान में शांति प्रकिया बहाल करने की कोशिशों में लगी अमेरिकी सेना को भी वहां से नहीं हटाया जाएगा।
राष्ट्रपति बनने के बाद हिलेरी भी ओबामा के नक्शे कदम पर विदेश नीति जारी रखेंगी, इसके संकेत भी घोषणापत्र में साफ मिलते हैं।