लखनऊ : विधान भवन के सामने मुख्यमंत्री का नया सचिवालय बनाया जा रहा है। दो-ब्लाकों में बन रहे इस सचिवालय में मुख्यमंत्री का दफ्तर बी-ब्लॉक में पंचम तल पर ही बनाया गया है। अभी भी एनेक्सी सचिवालय में मुख्यमंत्री का दफ्तर पंचम तल पर ही है।
अब कोशिश हो रही है कि अगले माह तक मुख्यमंत्री का दफ्तर तैयार कर दिया जाए, जिससे चुनाव की घोषणा से पहले अखिलेश यादव अपने नए दफ्तर में बैठ सकें।
बी-ब्लाक में भूतल समेत पांच मंजिला भवन बन रहा है तो सी -ब्लाक में भूतल समेत सात मंजिला भवन होगा। 600 वाहनों की पार्किंग वाले इस अतिसुरक्षित भवन में सुरक्षा के ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे, जो किसी भी हमले को नेस्तनाबूत कर देंगे। विधान भवन की तरह हूबहू बन रहे इस भवन में डोम भी 13 मीटर डाया का बनाया गया है। मुख्य गेट विधान भवन के गेट नंबर तीन के सामने होगा, जबकि पिछला गेट बेलदारी लेन से होगा। नए सचिवालय परिसर का कुल एरिया 6.29 एकड़ है।
मार्च 2014 में नए सचिवालय का निर्माण शुरू किया गया था। यहां पहले धरना स्थल था और कुछ पूर्व मंत्रियों के बंगले थे। सरकार की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में शामिल नए सचिवालय को तेजी से तैयार करने का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम को दिया गया था। पहले 347 करोड़ रुपये का बजट था लेकिन परियोजना 598 करोड़ की हो गई और पुनरीक्षित बजट मंजूरी के लिए शासन को भेजा है।
पुराना और छोटा पड़ रहा था भवन : चौधरी चरण सिंह एनेक्सी सचिवालय मुख्यमंत्री का पुराना दफ्तर है, लेकिन छोटा पड़ने और बिल्डिंग पुरानी होने के कारण लंबे समय से नए मुख्यमंत्री सचिवालय भवन की मांग हुई थी। अखिलेश सरकार ने इस मांग पर मुहर लगा दी।
अब कोशिश हो रही है कि अगले माह तक मुख्यमंत्री का दफ्तर तैयार कर दिया जाए, जिससे चुनाव की घोषणा से पहले अखिलेश यादव अपने नए दफ्तर में बैठ सकें।
बी-ब्लाक में भूतल समेत पांच मंजिला भवन बन रहा है तो सी -ब्लाक में भूतल समेत सात मंजिला भवन होगा। 600 वाहनों की पार्किंग वाले इस अतिसुरक्षित भवन में सुरक्षा के ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे, जो किसी भी हमले को नेस्तनाबूत कर देंगे। विधान भवन की तरह हूबहू बन रहे इस भवन में डोम भी 13 मीटर डाया का बनाया गया है। मुख्य गेट विधान भवन के गेट नंबर तीन के सामने होगा, जबकि पिछला गेट बेलदारी लेन से होगा। नए सचिवालय परिसर का कुल एरिया 6.29 एकड़ है।
मार्च 2014 में नए सचिवालय का निर्माण शुरू किया गया था। यहां पहले धरना स्थल था और कुछ पूर्व मंत्रियों के बंगले थे। सरकार की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में शामिल नए सचिवालय को तेजी से तैयार करने का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम को दिया गया था। पहले 347 करोड़ रुपये का बजट था लेकिन परियोजना 598 करोड़ की हो गई और पुनरीक्षित बजट मंजूरी के लिए शासन को भेजा है।
पुराना और छोटा पड़ रहा था भवन : चौधरी चरण सिंह एनेक्सी सचिवालय मुख्यमंत्री का पुराना दफ्तर है, लेकिन छोटा पड़ने और बिल्डिंग पुरानी होने के कारण लंबे समय से नए मुख्यमंत्री सचिवालय भवन की मांग हुई थी। अखिलेश सरकार ने इस मांग पर मुहर लगा दी।