गोरखपुर सांसद व फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे। उनके समर्थक उन्हें सीएम दावेदार मानकर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिए हैं। जबकि भाजपा ने उनकी दावेदारी पर कोई फैसला नहीं किया गया है। सूत्र बता रहे भाजपा यूपी चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे पर चलेगी मगर पूरी तरह कट्टरता से नहीं। योगी की बहुत कट्टर हिंदूवादी छवि है। ऐसे में भाजपा योगी के बजाए संतुलित सोच रखने वाले किसी नेता ही दावेदार घोषित करने में यकीन रख रही। ताकि सांप्रदायिक राजनीति के न आरोप लगे और न ही मुस्लिम विरोधी छवि बने। भाजपा को यह भी चिंता है कि अगर योगी को कंडीडेट नहीं बनाया गया तो उनका नाराज होना तय है। यही वजह है कि उन्हें कैबिनेट से बांधने की तैयारी हो रही। अब देखना है कि योगी यह फैसला कितना पसंद करते हैं।
यूपी से ये चेहरे हो सकते हैं शामिल
योगी आदित्यनाथ के अलावा मिर्जापुर से भाजपा के सहयोग से सांसद अपना दल की अनुप्रिया पटेल का नाम मजबूती से चर्चा में है। अनुप्रिया की पार्टी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। चूंकि अपना दल का यूपी में कुर्मी-पटेल वोटों पर मजबूत पकड़ है, इस नाते भाजपा चुनाव से पहले अनुप्रिया को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहती है। मुख्तार अब्बास नकवी अभी राज्यमंत्री हैं। इनको पदोन्नति दी जा सकती है।
बीड़ी किंग को मंत्री इसलिए बनाने की तैयारी
बीड़ा का बडा कारोबार चलाने से बीड़ी किंग के नाम से चर्चित इलाहाबाद सांसद श्याम चरण गुप्ता का नाम भी मोदी की प्रस्तावित सूची में शामिल है। गुप्ता इससे पहले बांदा से सपा सांसद रह चुके हैं। हालांकि 1989 से उन्होंने राजनीतिक पारी भाजपा से ही शुरू की। गुप्ता को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा का मकसद विधानसभा चुनाव में व्यापारियों खासकर बनिया वर्ग का वोट हासिल करना है।
ये भी हो सकते हैं शामिल
यूपी चुनाव प्रभारी और हाल में राज्यसभा सांसद बने ओम प्रकाश माथुर को भी मंत्री बनाने की तैयारी है। राजस्थान के ही सांसद व साइकिल चलाकर पहचान बनाने वाले अर्जन राम मेघवाल, असम से रमन डेका का चेहरा भी शामिल हो सकता है।
ये मंत्री पा सकते हैं प्रमोशन
अच्छे कामकाज और कुछ सोशल इंजीनियरिंग के चलते पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मंद्र प्रधान को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री का तमगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे सकते हैं।
ये मंत्री हो सकते हैं पैदल या फिर दूसरी जगह सेट
अल्पसंख्यक मंत्रालय की कमान मुख्तार अब्बास नकवी को देने की तैयारी है। जिससे नजमा हेपतुल्ला से यह मंत्रालय लेने की बात चल रही। सूत्र बता रहे कि भाजपा नजमा को किसी राज्य का राज्यपाल बनाने की सोच रही। इससे मंत्रिमंडल जाने का उन्हें कोई अफसोस नहीं होगा। वहीं एक और राज्य में भाजपा का अपना राज्यपाल हो जाएगा।इसके अलावा गिरिराज सिंह, राजस्थान के निहालचंद व पंजाब के विजय सांपला को भी मंत्रिमंडल से हटाने की तैयारी है।
इनकी दावेदारी पर नहीं हो सका है फैसला
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के प्रमोशन का मामले पर कोई निर्णय पार्टी नहीं ले सकी है। वहीं सदानंद गौड़ा को भी मंत्रिमंडल से बाहर करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। यूपी के भदोही सांसद विरेंद्र सिंह, मुंबई के विनय व नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनाने न बनाने का फैसला भी अभी लंबित है।
वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में 23 कैबिनेट, 22 राज्यमंत्रियों के साथ शपथ लिया था। इसके बाद पहली बार जब विस्तार हुआ तो चार नए, 14 राज्य व तीन राज्यमंत्र स्वतंत्र प्रभार शामिल हुए। जिससे मोदी के कैबिनेट में कुल 27 कैबिनेट व राज्यमंत्री 38 मंत्री हो गए। अब कुछ मंत्री हटाकर कुछ बढ़ाकर मोदी अपने मंत्रिमंडल में कितने सदस्य रखना चाहेंगे, यह देखने वाली बात होगी।