मुख्यमंत्री अखिलेश का जोशीला अंदाजा प्रदेश की जनता को खासा भा रहा है। मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के साथ विलय मामले में सख्त तेवर दिखाने वाले अखिलेश के बारे में जनता भी मानती है कि अगर उन्हें इसी तरह खुलकर काम करने का मौका दिया जाता तो मुख्यमंत्री के रूप में वो और अच्छा कर सकते थे। यह राय निकलकर सामने आई है अमर उजाला डॉट कॉम के ऑनलाइन पोल में।
जहां जनता से सवाल पूछा गया था कि क्या छूट मिलने पर मुख्यमंत्री के रूप में और बेहतर कर सकते थे अखिलेश यादव? यह सवाल पूछने के पीछे मकसद यह जानना था कि अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री के बारे में जनता क्या सोचती है और वह उन्हें किस तरह के नेता के तौर पर देखती है। क्योंकि पिछले कुछ समय में अखिलेश ने जिस तरह के तेवर दिखाए हैं उसके बाद से उन पर जनता का विश्वास दोबारा लौटता दिख रहा है।
एक ओर वह विकास के मापदंड पर खुद को खरा साबित करने का प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी और सरकार की छवि से भी कोई समझौता करने के मूड़ में नहीं दिखते। खैर हम वापस पोल पर लौटते हैं और जानते हैं क्या रहा उसका परिणाम।
जानिए क्या रहा पोल का निर्णय
गुरुवार को किए गए पोल में कुल 2255 लोगों ने भाग लिया। जिसमें से आधे से ज्यादा लोगों का मानना था कि मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी और आलाकमान से और छूट मिलने पर अखिलेश बेहतर परिणाम दे सकते थे। कुल 1131 लोगों ने इसके पक्ष में राय दी। फीसदी के हिसाब से यह आंकड़ा रहा 50.16 प्रतिशत का।
जबकि इसके विरोध में वोट करने वालों की संख्या भी अच्छी खास रही। लगभग 1023 लोगों यानि 45.37 प्रतिशत ने माना कि अगर अखिलेश को छूट मिलती तब भी वह इसी तरह काम करते। हालांकि तीसरे विकल्प यानि कुछ नहीं कह सकते के पक्ष में मात्र 4.47 फीसदी ने ही वोट दिया। साफ है कि जनता का बहुमत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पक्ष में है।
जहां जनता से सवाल पूछा गया था कि क्या छूट मिलने पर मुख्यमंत्री के रूप में और बेहतर कर सकते थे अखिलेश यादव? यह सवाल पूछने के पीछे मकसद यह जानना था कि अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री के बारे में जनता क्या सोचती है और वह उन्हें किस तरह के नेता के तौर पर देखती है। क्योंकि पिछले कुछ समय में अखिलेश ने जिस तरह के तेवर दिखाए हैं उसके बाद से उन पर जनता का विश्वास दोबारा लौटता दिख रहा है।
एक ओर वह विकास के मापदंड पर खुद को खरा साबित करने का प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी और सरकार की छवि से भी कोई समझौता करने के मूड़ में नहीं दिखते। खैर हम वापस पोल पर लौटते हैं और जानते हैं क्या रहा उसका परिणाम।
जानिए क्या रहा पोल का निर्णय
गुरुवार को किए गए पोल में कुल 2255 लोगों ने भाग लिया। जिसमें से आधे से ज्यादा लोगों का मानना था कि मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी और आलाकमान से और छूट मिलने पर अखिलेश बेहतर परिणाम दे सकते थे। कुल 1131 लोगों ने इसके पक्ष में राय दी। फीसदी के हिसाब से यह आंकड़ा रहा 50.16 प्रतिशत का।
जबकि इसके विरोध में वोट करने वालों की संख्या भी अच्छी खास रही। लगभग 1023 लोगों यानि 45.37 प्रतिशत ने माना कि अगर अखिलेश को छूट मिलती तब भी वह इसी तरह काम करते। हालांकि तीसरे विकल्प यानि कुछ नहीं कह सकते के पक्ष में मात्र 4.47 फीसदी ने ही वोट दिया। साफ है कि जनता का बहुमत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पक्ष में है।