प्रदेश के पूरब और पश्चिम में सपा और बसपा का गढ़ भेदने के लिए भाजपा ने व्यूहरचना तैयार की है। यूपी विधानसभा चुनावों में मिशन- 2017 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी इन दोनों क्षेत्रों में एक साथ फोकस करेगी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूपी के पूरब इलाके के मुहाने पर बसे बलिया जिले में 1 मई को रैली कराकर कर दी गई। इसके बाद पूरब के अहम हिस्से इलाहाबाद में 12 व 13 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और वहीं 13 जून को प्रधानमंत्री मोदी रैली भी हुई। अब 15 जुलाई को पूरब के प्रमुख केंद्र गोरखपुर में मोदी की रैली होगी। इसी रणनीति के तहत पहले पूरब क्षेत्र के इलाहाबाद के करीबी संसदीय क्षेत्र के सांसद केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। पार्टी के पूरब क्षेत्र के कद्दावर नेता शिव प्रताप शुक्ला को राज्यसभा में सांसद बनाकर भेजा गया। महंत योगी आदित्य नाथ को भी महत्व दिए जाने का सिलसिला जारी है। पार्टी को पश्चिम इलाके में सपा और राष्ट्रीय लोकदल के गठजोड़ से नुकसान होने का भय है। यहीं नहीं पश्चिम में रामपुर के विधायक और सपा का मुस्लिम चेहरा काबीना मंत्री आजम खां का खासा दबदबा है। समझा जा रहा है कि गठजोड़ और आजम के असर को कम करने के लिए भाजपा ने कैराना और कांधला में बदमाशों के भय से हिन्दूओं के पलायन का मुद्दा उठाया। मथुरा में जवाहरबाग प्रकरण के मामले में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।