केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के शिक्षा का भगवाकरण करने वालों पर हमला बोलने के अगले दिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय में ही राज्यमंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने भी शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाने वालों को खूब खरी-खोटी सुनाई।
उन्होंने कहा, लोग मुझसे शिक्षा के भगवाकरण पर सवाल पूछते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि शिक्षा का भगवाकरण होगा और देश का भी भगवाकरण होगा। देश के लिए जो उचित होगा, वह होगा। भले ही लोग उसे संघवाद कहें।’
उन्होंने सवाल किया कि देश की भावी पीढ़ी शिवाजी व महाराणा प्रताप को नहीं पढ़ेगी तो क्या चंगेज खां को पढ़ेगी। कठेरिया शनिवार को यहां लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में कर्मचारी सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा परिषद की ओर से आयोजित हिंदवी स्वराज समारोह में बोल रहे थे।
डॉ. कठेरिया ने कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत के लिए महापुरुषों के सम्मान में अगर कोई काम होता है तो इसमें भगवाकरण देखने की कुछ लोगों की आदत-सी पड़ गई है।
ऐसे लोगों को वह साफ-साफ बताना चाहते हैं कि यह काम भगवाकरण नहीं, देश की संस्कृति की आत्मा है। भारतीय संस्कृति हिंदू व मुसलमान में भेद नहीं करती। हिंदवी स्वराज के नायक शिवाजी के राज्य में भी कई मुसलमान महत्वपूर्ण पदों पर थे।
उन्होंने सवाल किया कि देश की भावी पीढ़ी शिवाजी व महाराणा प्रताप को नहीं पढ़ेगी तो क्या चंगेज खां को पढ़ेगी। कठेरिया शनिवार को यहां लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में कर्मचारी सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा परिषद की ओर से आयोजित हिंदवी स्वराज समारोह में बोल रहे थे।
डॉ. कठेरिया ने कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत के लिए महापुरुषों के सम्मान में अगर कोई काम होता है तो इसमें भगवाकरण देखने की कुछ लोगों की आदत-सी पड़ गई है।
ऐसे लोगों को वह साफ-साफ बताना चाहते हैं कि यह काम भगवाकरण नहीं, देश की संस्कृति की आत्मा है। भारतीय संस्कृति हिंदू व मुसलमान में भेद नहीं करती। हिंदवी स्वराज के नायक शिवाजी के राज्य में भी कई मुसलमान महत्वपूर्ण पदों पर थे।