जम्मू कश्मीर: राज्य समेत देश के अन्य हिस्सों से कश्मीर के तुलमुला स्थित माता खीर भवानी मंदिर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों का सैलाब उमड़ आया है। ज्येष्ठ अष्टमी पर पंडितों ने अपनी आराध्य देवी माता रगन्या के मंदिर में माथा टेक आशीर्वाद प्राप्त किया। कश्मीरी पंडितों के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक ‘मेला खीर भवानी’ रविवार को धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया।
राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उप मुख्यमंत्री डॉ र्निमल सिंह ने लोगों विशेषकर पंडित समुदाय के सदस्यों को बधाई दी।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए कश्मीरी पंडितों की भारी संख्या ने खीरभवानी मंदिर में रात भर आयोजित प्रार्थना में भाग लिया। ज्येष्ठ अष्टमी पर तुलमुला में खीर भवानी मंदिर में लगने वाले मेले को लेकर कश्मीरी पंडित शनिवार को पहुंचना शुरू हो गए थे। रविवार को भी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना कर अशीर्वाद लिया और रियासत में अमन की कामना की। पंडित भाईयों की पूजा अर्चना के लिए स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दूध, चावल, चीनी के बनी मिठाई समेत पूजा का अन्य सामान मुहैया करवाया।
पंडितों के लिए माता रगन्या देवी उनकी आराध्य देवी हैं और हर वर्ष ज्येष्ठ अष्टमी पर माथा टेकने कश्मीर आते हैं।
कश्मीरी पंडित भाईयों को ज्येष्ठ अष्टमी की बधाई देने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित अन्य मंत्रियों ने मेले में शिरकत की। इन नेताओं ने मेले में प्रबंधों का जायजा लिया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की मुश्किल का सामना न करना पड़े। महबूबा ने कश्मीरी पंडितों से बातचीत की और हालचाल जाना। जम्मू से कश्मीर जाने के लिए पंडितों के लिए बसों का इंतजाम किया गया था। उनके ठहरने के लिए मंदिर में ही बने कंपलैक्स में व्यवस्था की गई है। मंदिर में 64 कमरों के अलावा हाल की भी सुविधा है। कुछ पंडित अपने पैतृक घरों में जाकर ठहरे और पड़ोसी मुस्लिम परिवारों के साथ समय व्यतीत किया।
वसंत का रंग बदलना कश्मीर घाटी में भविष्या में घटनाओं का एक संकेतक
मंदिर में वसंत समय पर पानी का रंग बदलता है। वसंत पानी को विभिन्न रंगों जैसे लाल, गुलाबी, नारंगी, हरा, नीला और अक्सर हल्का हरा, लाल गुलाबी और दूधिया सफेद रंगों में बदल देता है।
मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारी कुलभूषण शर्मा ने दावा किया कि वसंत का रंग बदलना कश्मीर घाटी में भविष्या में घटनाओं का एक संकेतक के रुप में है। काले रंग के किसी भी छाया घाटी के निवासियों के लिए अशुभ माना जाता है।
उन्होने कहा कि सितंबर 2014 में जब घाटी में विनाशकारी बाढ़ आई थी तो तब वसंत काला हो गया था। साथ ही जब पाकिस्तान ने भारत पर कारगिल युद्ध के दौरान हमला किया था तो वसंत लाल हो गया था।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित भक्तों जिनमें से कुछ पहली बार मेला में भाग ले रहे है ने प्रसन्नता व्यक्त की। हवन और अन्य पूजन में भाग लेते हुए प्रवासी पंडितों ने कहा कि हमारे जीवनकाल में इस जगह की यात्रा करना सपना सच होने के बराबर है क्योंकि हमारे बुजुर्गों का कश्मीर की फिर से यात्रा करने के सपने को पूरा किए गए बिना ही निधन हो गया। पवित्र रमजान महीने के दौरान रोजे रखे मुसलमानों को पंडितों की पूजा के लिए खाद्य सामग्रियां और अन्य सामग्र सेवारत करते देख खुशी हो रही थी।
राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उप मुख्यमंत्री डॉ र्निमल सिंह ने लोगों विशेषकर पंडित समुदाय के सदस्यों को बधाई दी।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए कश्मीरी पंडितों की भारी संख्या ने खीरभवानी मंदिर में रात भर आयोजित प्रार्थना में भाग लिया। ज्येष्ठ अष्टमी पर तुलमुला में खीर भवानी मंदिर में लगने वाले मेले को लेकर कश्मीरी पंडित शनिवार को पहुंचना शुरू हो गए थे। रविवार को भी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना कर अशीर्वाद लिया और रियासत में अमन की कामना की। पंडित भाईयों की पूजा अर्चना के लिए स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दूध, चावल, चीनी के बनी मिठाई समेत पूजा का अन्य सामान मुहैया करवाया।
पंडितों के लिए माता रगन्या देवी उनकी आराध्य देवी हैं और हर वर्ष ज्येष्ठ अष्टमी पर माथा टेकने कश्मीर आते हैं।
कश्मीरी पंडित भाईयों को ज्येष्ठ अष्टमी की बधाई देने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित अन्य मंत्रियों ने मेले में शिरकत की। इन नेताओं ने मेले में प्रबंधों का जायजा लिया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की मुश्किल का सामना न करना पड़े। महबूबा ने कश्मीरी पंडितों से बातचीत की और हालचाल जाना। जम्मू से कश्मीर जाने के लिए पंडितों के लिए बसों का इंतजाम किया गया था। उनके ठहरने के लिए मंदिर में ही बने कंपलैक्स में व्यवस्था की गई है। मंदिर में 64 कमरों के अलावा हाल की भी सुविधा है। कुछ पंडित अपने पैतृक घरों में जाकर ठहरे और पड़ोसी मुस्लिम परिवारों के साथ समय व्यतीत किया।
वसंत का रंग बदलना कश्मीर घाटी में भविष्या में घटनाओं का एक संकेतक
मंदिर में वसंत समय पर पानी का रंग बदलता है। वसंत पानी को विभिन्न रंगों जैसे लाल, गुलाबी, नारंगी, हरा, नीला और अक्सर हल्का हरा, लाल गुलाबी और दूधिया सफेद रंगों में बदल देता है।
मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारी कुलभूषण शर्मा ने दावा किया कि वसंत का रंग बदलना कश्मीर घाटी में भविष्या में घटनाओं का एक संकेतक के रुप में है। काले रंग के किसी भी छाया घाटी के निवासियों के लिए अशुभ माना जाता है।
उन्होने कहा कि सितंबर 2014 में जब घाटी में विनाशकारी बाढ़ आई थी तो तब वसंत काला हो गया था। साथ ही जब पाकिस्तान ने भारत पर कारगिल युद्ध के दौरान हमला किया था तो वसंत लाल हो गया था।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित भक्तों जिनमें से कुछ पहली बार मेला में भाग ले रहे है ने प्रसन्नता व्यक्त की। हवन और अन्य पूजन में भाग लेते हुए प्रवासी पंडितों ने कहा कि हमारे जीवनकाल में इस जगह की यात्रा करना सपना सच होने के बराबर है क्योंकि हमारे बुजुर्गों का कश्मीर की फिर से यात्रा करने के सपने को पूरा किए गए बिना ही निधन हो गया। पवित्र रमजान महीने के दौरान रोजे रखे मुसलमानों को पंडितों की पूजा के लिए खाद्य सामग्रियां और अन्य सामग्र सेवारत करते देख खुशी हो रही थी।