लखनऊ । केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा जल्द ही सामने आएगा। यह चेहरा उप्र का ही होगा। गाजियाबाद में मनोहर पर्रीकर ने दावा किया कि पिछले 14 वर्षों में उत्तर प्रदेश में चल रहे गुंडाराज और भ्रष्टाचार से ऊब चुकी जनता इस बार भाजपा की सरकार बनाएगी। उप्र में भाजपा के सीएम चेहरे के सवाल पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कुछ दिन और इंतजार कीजिए। वह चेहरा जल्द ही सामने होगा। बाहर के किसी व्यक्ति का सवाल ही पैदा नहीं होता। मथुरा कांड को उन्होंने प्रदेश की सपा सरकार की नाकामी का नतीजा बताया। प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की नाकामी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कानून व शांति व्यवस्था की पहली जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही है। मथुरा कांड के बाद उप्र के लोग प्रदेश की मौजूदा सरकार को हटाने का मन बना चुके हैं। देश में महंगाई बढऩे के सवाल के जवाब में पर्र्रीकर ने खुद सवाल किया कि कौन से क्षेत्र में महंगाई बढ़ रही है? रोजाना की जरूरत की सभी चीजें आम आदमी की पहुंच के अंदर हैं। अरहर की दाल की बढ़ी कीमतों पर भी काबू पा लिया गया है। मुद्दा विहीन विपक्ष महंगाई की बात छेड़ देता है। इस मौके पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री व स्थानीय सांसद जनरल वीके ङ्क्षसह, केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट आदि मौजूद थे।
गोवा फार्मूला अपनाएंगे उप्र में
दैनिक जागरण से विशेष बात करते हुए मनोहर पर्र्रीकर ने स्वीकार किया कि उप्र में अभी भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है मगर उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। अच्छे परिणामों के लिए भाजपा का फार्मूला क्या होगा, इस सवाल पर कहा कि बस देखते जाइए। उन्होंने कहा कि उस स्थान पर (गोवा में) जहां भाजपा को वोट तक नहीं मिलते थे, हमने कुछ वर्ष की मेहनत के बाद ही सरकार बना ली थी। ये नतीजे तब थे जबकि वहां तीस फीसद से ज्यादा अल्पसंख्यक रहते हैं। उसी तरीके से काम करते हुए यूपी में भी भाजपा की सरकार बना ली जाएगी।
स्वतंत्र निर्णय लेता हूं
केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने इस सवाल पर असहमति जताई कि मोदी सरकार में मंत्री महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है और तमाम फैसले पीएम नरेंद्र मोदी ही लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपने मंत्रिमंडल के सभी फैसले वह स्वयं लेते हैं। हां, अगर कोई मामला कई मंत्रालयों से संबंधित होता है अथवा देश के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है, उसमें प्रधानमंत्री से चर्चा जरूर करते हैं।