नेताजी की पहली आजमाइश में 80 फीसद सपाई ‘फेल’

Update: 2016-06-09 01:55 GMT
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा-2017 का चक्रव्यूह तोड़ने का साजो-सामान तैयार कर रहे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की पहली आजमाइश में 80 फीसद सपाई ‘फेल’ हो गये। घोषणा पत्र पढ़ने और सरकार की नीतियां गांव-गलियारे तक पहुंचाने का सबक दिया गया है।

विधान परिषद, राज्यसभा का चुनावी अंकगणित पक्ष में होने को लेकर मुत्मईन मुलायम सिंह गुरुवार सुबह पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे। यहां के लोहिया सभागार में पहले ही कार्यकर्ता व मंत्री मौजूद थे। उन्हें विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का संदेश देते हुए मुलायम ने सवाल दागा कि जिन्होंने विधानसभा-2012 का घोषणा पत्र पढ़ा हो, वे हाथ उठा दें। बमुश्किल 20 फीसद लोगों ने हाथ उठाया। मुलायम ने बोले- साफ है कि 80 फीसद लोगों ने घोषणा पत्र नहीं पढ़ा। जनता से किये वादे पता नहीं होंगे तो उसे पूरा होने की जानकारी जनता को कैसे दोगे?

मुलायम ने गंभीरता से घोषणा पत्र पढ़ने की हिदायत दी और मंत्रियों से कहा कि अखिलेश सरकार के विकास कार्यो को लेकर छपी किताबें कार्यकर्ताओं में बांटी जाएं ताकि उन्हें योजनाएं पता हों और वे जनता को बता सकें।

सपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित विधानमंडल दल की बैठक में जाते सपा विधायक कार्यकर्ताओं ने अखिलेश सरकार की नीतियों को तो सराहा मगर अधिकारियों पर जमकर बरसे। कहा कि डीएम, एसपी तो दूर ग्राम पंचायत अधिकारी तक नहीं सुन रहे। थानेदार बेअंदाज हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दौरे पर निकलने और जनता की शिकायत पर आरोपी अधिकारी को तुरंत निलंबित करने का सुझाव दिया। मुलायम कार्यकर्ताओं की बात सुनते रहे और भरोसा दिलाया कि उनके सम्मान में कमी नहीं आने दी जाएगी।

सुबह कार्यकर्ताओं से सवाल पूछने वाले मुलायम शाम को विधायक मंडल दल की बैठक रालोद मुखिया अजित सिंह से मुलाकात पर टिप्पणी करने वाले नेताओं पर बरस पड़े। एक राज्यसभा सदस्य की ओर इशारा करके कहा कि आपने भी अनावश्यक टिप्पणी की।

पार्टी का अध्यक्ष कौन है? कोई नेता मुलाकात करेगा तो उस पर टिप्पणी होगी, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जोड़ा कि अजित सिंह उनसे मिलने आये थे, घर आने वाले रालोद मुखिया के प्रति टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है। खफा मुलायम ने कहा कि दल के हर व्यक्ति दूसरे की मर्यादा पता रहनी चाहिये।

मुलायम ने लंबे अरसे बाद विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और पुराने साथी बेनी प्रसाद वर्मा व अमर सिंह के साथ मंच साझा किया। ध्यान रहे, रालोद-सपा के बीच गठबंधन की चर्चा होने के बाद समाजवादी पार्टी के दो महासचिवों ने तीखी टिप्पणी की थी।

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