नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। भारत अब मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम यानि MTCR के सदस्य देशों में शामिल हो गया है। इसके मायने ये हुए कि भारत अब आसानी से आधुनिक मिसाइल से लेकर खतरनाक ड्रोन तक सदस्य देशों से खरीद सकेगा। इससे अब भारतीय सेना बेहद मजबूत हो जाएगी। MTCR ने भारत को भी इस एलिट ग्रुप में शामिल करने की सहमति दे दी है। भारत को अब अन्य विकसित देशों की तरह ही आधुनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी मिल जाएगी।
MTCR यानि मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में भारत को शामिल करने पर विरोध की समय-सीमा सोमवार तक ही थी। अभी तक किसी ने इस पर विरोध नहीं जताया। ऐसे में भारत अब इस ग्रुप का सदस्य बन गया है। भारत अभी रूस के साथ मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइज ‘ब्रहमोस’ बनाता है ताकि उसे अन्य देशों को बेचा जा सके। MTCR का सदस्य बनने पर भारत को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा जैसे अधिकतम 300 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल बनाना, ताकि हथियारों की होड़ को रोका जा सके।
इस मामले से जुड़े राजनयिकों से कहना है कि भारत की सदस्यता को लेकर 34 सदस्यों वाले समूह की आपत्तियां ग्रहण करने का समय सोमवार को खत्म हो गया। किसी भी देश ने भारत की सदस्यता पर आपत्ति नहीं जताई है।
MTCR यानि मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में भारत को शामिल करने पर विरोध की समय-सीमा सोमवार तक ही थी। अभी तक किसी ने इस पर विरोध नहीं जताया। ऐसे में भारत अब इस ग्रुप का सदस्य बन गया है। भारत अभी रूस के साथ मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइज ‘ब्रहमोस’ बनाता है ताकि उसे अन्य देशों को बेचा जा सके। MTCR का सदस्य बनने पर भारत को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा जैसे अधिकतम 300 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल बनाना, ताकि हथियारों की होड़ को रोका जा सके।
इस मामले से जुड़े राजनयिकों से कहना है कि भारत की सदस्यता को लेकर 34 सदस्यों वाले समूह की आपत्तियां ग्रहण करने का समय सोमवार को खत्म हो गया। किसी भी देश ने भारत की सदस्यता पर आपत्ति नहीं जताई है।