औरैया (एएनआई)। ये एक मां के आंसू हैं जो रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हो भी क्यों नहीं उनके बेटे मुकुल द्विवेदी की मथुरा में उपद्रवकारियों ने कल हत्या कर दी थी। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी अपने फर्ज को निभाते हुए शहीद हो गये। लेकिन अपने पीछे गमों की एक ऐसी याद छोड़ गए जिसे भूला पाना उनके परिवार के लिए आसान नहीं होगा। मुकुल द्विवेदी की मां और पिता के आंखों में आंसू है,चेहरे पर गम का भाव है। मुकुल के मां-पिता की बस यही कहना है कि वो मुआवजा लेकर क्या करेंगे। उन्हें तो बस उनका बेटा चाहिए। मुकुल की मां ने मुख्यमंत्री से अपील की वो उनके बेटे को किसी तरह वापस कर दें।
मुकुल द्विवेदी के पिता का कहना है कि उनका बेटा बरेली में सीओ था। उसने डीजीपी से बोला था कि उसका ट्रांसफर कहीं आस पास कर दो। मेरे बेटे को मरने के लिए मथुरा भेज दिया। उन्होंने कहा कि ‘जब दो सालों से कब्जा था तो उसे खाली क्यों नहीं करा पाये. 150 मीटर की दुरी पर डीएम का बंगला था। शहीद एसपी सिटी के पिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खाली क्यों नहीं कराया गया। सरकार को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए।
खूनी जंग में एसपी सिटी-एसचओ की मौत
एसपी सिटी की मुकुल द्विवेदी की उस वक्त मौत हो गयी थी। जब वो मथुरा के जवाहर बाग में अतिक्रमण कारियों के खिलाफ एक अभियान चला रहे थे। अतिक्रमण अभियान के दौरा फरह के थानाध्यक्ष संतोष यादव की भी मौत हो गयी थी।
कौन हैं मुकुल द्विवेदी
मुकुल द्विवेदी ने बीएससी और एमएससी की डिग्री आगरा से ली थी। 1998 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। साल 2000 में प्रमोशन के बाद डिप्टी एसपी बने। तीन फरवरी 2016 को मथुरा में एडिश्नल एसपी बनकर आए थे।
एसपी मुकुल द्ववेदी के दो बेटे हैं जो बरेली में पढ़ते हैं और इस वक्त गर्मी छुट्टी होने की वजह से दोनों बच्चे माता-पिता के पास मथुरा गए थे। लेकिन अब पूरे परिवार को बच्चों की चिंता सता रही है। एसपी मुकुल के पिता ने कहा मथुरा की पूरी घटना के पीछे सरकार की नाकामी है।