एपी मिश्रा ने ईमानदारी से अपने कर्तव्य को निर्वहन करते हुए एक अच्छी किताब लिखी
लखनऊ: सीएम अखिलेश यादव ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UPPCL) के प्रबंध निदेशक एपी मिश्रा की पुस्तक ‘यह सब मैं निज नयनन्हि देखी’ का विमोचन किया। एपी मिश्रा ने इस पुस्तक में अपनी नौकरी के दौरान अनुभवों को साझा किया है। इस अवसर पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि एपी मिश्रा एक एल्क्ट्रिकल इंजिनियर हैं और अच्छे से जानते हैं कहां स्टेप अप करना है और कहाँ स्टेप डाउन करना है।
इस दौरान सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि एपी मिश्रा का लिखा देखकर आश्चर्य होता है कि इतनी अच्छी शैली में एक सरकारी अफसर कैसे लिख सकता है। केवल रामचरित मानस पढ़ने से उद्धार नहीं होगा। लेकिन जब उसे अपने आचरण शामिल कर लें तब जीवन सफल हो जाता है। एपी मिश्रा इंजीनियर हैं इसलिए वे साहित्य में भी करन्ट को स्टेप अप और स्टेप डाउन करने का हुनर जानते हैं। कई लोग अपने रिटायरमेंट के आसपास किताब लिखते हैं। लेकिन एपी मिश्रा ने ईमानदारी से अपने कर्तव्य को निर्वहन करते हुए एक अच्छी किताब लिखी हैं।
इस मौके पर एपी मिश्रा ने कहा कि पहली किताब के विमोचन के लिए भी मन में संकोच था, लेकिन जब सीएम साहब से कहा तो वे सहर्ष किताब का विमोचन करने को तैयार हो गए। पुस्तक में एपी मिश्रा ने अपने नौकरी के दौरान के अनुभवों को रामचरित मानस के चौपाईयों से जोडकर बताया है।
उन्होंने कहा मेरे 62 वर्ष की आयु नहीं पूरी हुई थी, लेकिन तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा था। सीएम साहब से बात करना चाहता थ तो खुद उन्होंने कॉल की। उन्होंने पूछा क्या चाहते हो, मैंने कहा जो आप कहते हैं। शाम तक मेरे पद पर बने रहने के लिए आदेश आ गए।
बता दें कि UPPCL के एमडी एपी मिश्रा की ये दूसरी पुस्तक है। इससेे पहले एपी मिश्रा ने ‘सिफ़र से शिखर तक’ नामक पुस्तक लिखी है।
इस दौरान सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि एपी मिश्रा का लिखा देखकर आश्चर्य होता है कि इतनी अच्छी शैली में एक सरकारी अफसर कैसे लिख सकता है। केवल रामचरित मानस पढ़ने से उद्धार नहीं होगा। लेकिन जब उसे अपने आचरण शामिल कर लें तब जीवन सफल हो जाता है। एपी मिश्रा इंजीनियर हैं इसलिए वे साहित्य में भी करन्ट को स्टेप अप और स्टेप डाउन करने का हुनर जानते हैं। कई लोग अपने रिटायरमेंट के आसपास किताब लिखते हैं। लेकिन एपी मिश्रा ने ईमानदारी से अपने कर्तव्य को निर्वहन करते हुए एक अच्छी किताब लिखी हैं।
इस मौके पर एपी मिश्रा ने कहा कि पहली किताब के विमोचन के लिए भी मन में संकोच था, लेकिन जब सीएम साहब से कहा तो वे सहर्ष किताब का विमोचन करने को तैयार हो गए। पुस्तक में एपी मिश्रा ने अपने नौकरी के दौरान के अनुभवों को रामचरित मानस के चौपाईयों से जोडकर बताया है।
उन्होंने कहा मेरे 62 वर्ष की आयु नहीं पूरी हुई थी, लेकिन तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा था। सीएम साहब से बात करना चाहता थ तो खुद उन्होंने कॉल की। उन्होंने पूछा क्या चाहते हो, मैंने कहा जो आप कहते हैं। शाम तक मेरे पद पर बने रहने के लिए आदेश आ गए।
बता दें कि UPPCL के एमडी एपी मिश्रा की ये दूसरी पुस्तक है। इससेे पहले एपी मिश्रा ने ‘सिफ़र से शिखर तक’ नामक पुस्तक लिखी है।