यूपी के बाहुबली सपा नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि ने गुरुवार को सरेआम शिकायतकर्ता अब्दुल रहमान के साथ बदसलूकी करते हुए कोर्ट रूम गेट पर ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी. हालांंकि धमकी देने के बाद अमनमणि त्रिपाठी अपने दो साथियों के साथ कोर्ट परिसर से फरार हो गया.
शिकायतकर्ता के वकील राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद अदालत ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए अमनमणि के खिलाफ क्रिमिनल कंटेम्प्ट यानी आपराधिक अवमानना का केस चलाए जाने का आदेश दिया है.
बता दें कि अमनमणि और उसके दो साथियों ने शिकायतकर्ता अब्दुल रहमान के साथ बदसलूकी करते हुए कोर्ट रूम गेट पर ही उसे जान से मारने की धमकी दी. जहां अमनमणि जेल में बंद अपने पिता की पैरवी करने इलाहाबाद हाईकोर्ट आया था.
वहीं अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस बारे में ज़रूरी कदम उठाए जाने की हिदायत देते हुए महराजगंज जिले के एसपी को अमनमणि के क्रिमिनल रिकॉर्ड और उसके खिलाफ अब तक हुई कार्रवाइयों के ब्यौरे से साथ 6 जुलाई को कोर्ट में पेश होने को कहा है.
गौरतलब है कि महाराजगंज के नौतनवा में दुर्गा आयल मिल कैम्पस को अमरमणि त्रिपाणी ने 1993 में अपने प्रभाव के चलते कन्ट्रोल रेंंट से किराए पर लेकर उसमें जनसम्पर्क कार्यालय खोल रखा था. इस मामले में शिकायतकर्ता के पक्ष में हाईकोर्ट से आदेश होने के बाद 23 मई को महाराजगंज के जिलाधिकारी और एसएसपी ने कब्जा दिला दिया था.
शिकायतकर्ता के वकील राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद अदालत ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए अमनमणि के खिलाफ क्रिमिनल कंटेम्प्ट यानी आपराधिक अवमानना का केस चलाए जाने का आदेश दिया है.
बता दें कि अमनमणि और उसके दो साथियों ने शिकायतकर्ता अब्दुल रहमान के साथ बदसलूकी करते हुए कोर्ट रूम गेट पर ही उसे जान से मारने की धमकी दी. जहां अमनमणि जेल में बंद अपने पिता की पैरवी करने इलाहाबाद हाईकोर्ट आया था.
वहीं अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस बारे में ज़रूरी कदम उठाए जाने की हिदायत देते हुए महराजगंज जिले के एसपी को अमनमणि के क्रिमिनल रिकॉर्ड और उसके खिलाफ अब तक हुई कार्रवाइयों के ब्यौरे से साथ 6 जुलाई को कोर्ट में पेश होने को कहा है.
गौरतलब है कि महाराजगंज के नौतनवा में दुर्गा आयल मिल कैम्पस को अमरमणि त्रिपाणी ने 1993 में अपने प्रभाव के चलते कन्ट्रोल रेंंट से किराए पर लेकर उसमें जनसम्पर्क कार्यालय खोल रखा था. इस मामले में शिकायतकर्ता के पक्ष में हाईकोर्ट से आदेश होने के बाद 23 मई को महाराजगंज के जिलाधिकारी और एसएसपी ने कब्जा दिला दिया था.