‘साइकिल’ वाले कर्मचारियों को तोहफा देगी अखिलेश सरकार

Update: 2016-05-22 02:40 GMT
साइकिल को बढ़ावा देने में जुटी सपा सरकार ‘साइकिल’ वाले कर्मचारियों को साधने की तैयारी में है। वर्षों से साइकिल भत्ते को मोटर साइकिल भत्ते में बदलने की कर्मचारियों की मांग पर सरकार विधानसभा चुनाव से पहले विचार करने को तैयार हो गई है। वित्त विभाग ने इसके लिए विभागों से सूचनाएं मांगी हैं।

प्रदेश में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में कई सेवा संवर्ग हैं जिनके कर्मियों को आज भी 100 रुपये साइकिल भत्ता मिलता है। इनमें लेखपाल, संग्रह अमीन, ग्राम पंचायत अधिकारियों के अलावा विभिन्न विभागों के कर्मचारी आते हैं। इनकी संख्या करीब एक लाख हो सकती है।

कर्मचारी संगठन यह तर्क देते रहे हैं कि पहले की अपेक्षा सरकारी कामकाज काफी बढ़ गया है। महंगाई  भी जबर्दस्त बढ़ी है, मगर साइकिल भत्ते में वर्षों से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।

राजस्व विभाग के लेखपालों को मुख्य सचिव स्तर से साइकिल भत्ता को मोटर साइकिल भत्ते में बदलने का आश्वासन भी मिल चुका है, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से यह मामला प्रमुख सचिव कार्मिक किशन सिंह अटोरिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में उठाया गया था।

कर्मचारी नेताओं ने कहा था कि फील्ड कर्मचारी पूरे दिन मोटर साइकिल से सरकारी काम करते हैं। इसमें हर महीने उनका काफी पैसा खर्च होता है। सरकार भी इसे मानती है।

ऐसे में साइकिल भत्ते को मोटर साइकिल भत्ते में बदला जाना चाहिए और इसके लिए तर्कसंगत राशि तय की जानी चाहिए। शासन ने इस मांग पर अब विचार का फैसला किया है।

वित्त विभाग ने सभी प्रशासकीय विभागों से पूछा है कि उनके यहां कितने कर्मचारी साइकिल भत्ता पा रहे हैं और कितना-कितना पा रहे हैं? इसके अलावा कई अन्य सूचनाएं भी मांगी गई हैं। ये सूचनाएं आने के बाद विभाग आगे की कार्यवाही करेगा।

विधानसभा चुनाव के पहले ‘साइकिल’ वाले कर्मचारियों को साधने के दो तात्कालिक विकल्प नजर आ रहे हैं। पहला, साइकिल भत्ते में कुछ बढ़ोतरी कर दी जाए और मोटर साइकिल भत्ते की मांग को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार के लिए गठित होने वाली समिति को संदर्भित कर दिया जाए।

दूसरा, सरकारी खजाना इजाजत दे तो मोटर साइकिल भत्ते को ही मंजूरी दे दी जाए। साइकिल वालों को मोटर साइकिल में अपग्रेड कर दिया जाए। हालांकि ये विकल्प होंगे या कोई और, इस पर निर्णय विभागों से सूचनाएं आने के बाद ही हो सकेगा।

इस पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी का कहना है कि फील्ड में सरकारी कर्मचारियों के काम तेजी से बढ़े हैं। इससे उनकी भागदौड़ भी बढ़ी है। हर अधिकारी यह देखता है कि उसका कर्मचारी मोटर साइकिल से काम कर रहा है।

इसके बावजूद मोटर साइकिल भत्ता तय करने को लेकर ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। यदि जल्द इस पर निर्णय नहीं होगा तो परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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