नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी और विधानसभा चुनाव 2015 में नीतीश कुमार के लिए सफल चुनावी रणनीति बनाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस से दूरी बना सकते हैं। मीडिया रिपोर्टों में प्रशांत के करीबी लोगों के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस के प्रदेश स्तर के कुछ नेताओं और प्रशांत के बीच चुनावी मुद्दों पर रस्साकशी चल रही है। पंजाब और उत्तर प्रदेश में अपनी नैया पार कराने के लिए कांग्रेस ने प्रशांत को चुनावी रणनीति बनाने के लिए चुना है।
रिपोर्टों के मुताबिक प्रशांत के करीबियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेसी नेताओं के विरोध के बीच, अगर प्रशांत की कार्यशैली पर चोट पहुंचती है तो वह पार्टी से अपनी राह अलग कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश और पंजाब के मुश्किल हालात के बीच प्रशांत को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए साथ लेकर आए थे और उन्होंने रणनीति बनाने के लिए प्रशांत को काफी छूट दी है। वह अभी तक यूपी में कांग्रेस के लिए पांच सूत्रीय प्लान बना भी चुके हैं, जिसका कांग्रेस के कुछ नेताओं ने विरोध किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों खबरें आई थीं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रशांत किशोर में मतभेद पैदा हो गया है। इस पर कांग्रेस नेता शकील अहमद ने सफाई देते हुए कहा दोनों के बीच मतभेद का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि पार्टी के संगठन संबंधी फैसले और टिकट बंटवारे में प्रशांत किशोर की कोई भूमिका नहीं है।
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ और प्रदेश स्तर के नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर का काम चुनाव का प्रबंधन करना है ना कि नेताओं को दिशा-निर्देश देने का। साथ ही वे उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका नहीं चाहते।
रिपोर्टों के मुताबिक प्रशांत के करीबियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेसी नेताओं के विरोध के बीच, अगर प्रशांत की कार्यशैली पर चोट पहुंचती है तो वह पार्टी से अपनी राह अलग कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश और पंजाब के मुश्किल हालात के बीच प्रशांत को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए साथ लेकर आए थे और उन्होंने रणनीति बनाने के लिए प्रशांत को काफी छूट दी है। वह अभी तक यूपी में कांग्रेस के लिए पांच सूत्रीय प्लान बना भी चुके हैं, जिसका कांग्रेस के कुछ नेताओं ने विरोध किया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों खबरें आई थीं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रशांत किशोर में मतभेद पैदा हो गया है। इस पर कांग्रेस नेता शकील अहमद ने सफाई देते हुए कहा दोनों के बीच मतभेद का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि पार्टी के संगठन संबंधी फैसले और टिकट बंटवारे में प्रशांत किशोर की कोई भूमिका नहीं है।
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ और प्रदेश स्तर के नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर का काम चुनाव का प्रबंधन करना है ना कि नेताओं को दिशा-निर्देश देने का। साथ ही वे उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका नहीं चाहते।