नोटबंदी के दौरान इनकम से ज्यादा नोट जमा कराने वाले 5.56 लाख लोगों की दूसरी लिस्ट जारी
नोटबंदी के दौरान अपनी आमदनी से ज्यादा पुराने नोट जमा कराने वालों की दूसरी सूची भी आयकर विभाग ने बना ली है। इन्हें शीघ्र ही एसएमएस और ईमेल भेज कर अपना पक्ष पेश करने को कहा जाएगा। इस सूची को आयकर विभाग की साइट पर डाल दिया गया है, जिसे पैन नंबर डाल कर देखा जा सकता है। इससे पहले ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में 17.92 लाख व्यक्तियों की सूची उजागर की गई थी।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मिली जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के दौरान अपनी आमदनी के स्रोत से ज्यादा पुराने नोट जमा कराने वालों की दूसरी सूची जारी कर दी गई है। इनमें शामिल 5.56 लाख लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए शीघ्र ही एसएमएस और ईमेल पर सूचना भेजी जाएगी, ताकि वे अपना पक्ष ऑनलाइन रख सकें। उन्हें आयकर विभाग के दफ्तर में आने की या किसी अधिकारी या कर्मचारी से मिलने की आवश्यकता नहीं है।
इसके अलावा 1.04 लाख वैसे व्यक्तियों की सूची भी तैयार की गई है, जिनका नाम ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में था और उन्होंने अपने सभी बैंक खातों का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष नहीं किया है।
इससे पहले 17.92 लाख लोगों की सूची हुई थी जारी
उल्लेखनीय है कि पहले चरण में आयकर विभाग ने 17.92 लाख व्यक्तियों की सूची तैयार की थी। वित्त मंत्रालय के मुताबिक ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में जिनकी पहचान कर एसएमएस और ईमेल भेज कर जवाब मांगा गया था, उनमें से 9.72 लाख व्यक्तियों ने ही अपने जवाब ऑनलाइन फाइल किए हैं।
आयकर विभाग का कहना है कि जिन्हें इस बारे में एसएमएस या ईमेल मिलता है, वे विभाग की वेबसाइट पर जा कर कैश ट्रांजेक्शन 2016 लिंक को क्लिक कर अपना पक्ष रख सकते हैं। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपये से अधिक के पुराने नोट जमा करने वालों को इस साल आयकर रिटर्न में इसकी जानकारी देनी होगी। इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
हजारों करोड़ की अघोषित रकम हुई थी बैंकों में जमा
नोटबंदी यानी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के बाद नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2017 के दौरान हजारों करोड़ रुपये की अघोषित रकम बैंकों में जमा हुई है। आयकर विभाग पहले ही कह चुका है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक 23 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है,
वहीं नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक करदाताओं की संख्या में 91 लाख की बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई मौकों पर कहा है कि कर चोरों को छोड़ा नहीं जाएगा, क्योंकि उनकी जानकारी धीरे धीरे सरकार के पास पहुंच गई है।