मुज़फ्फरनगर की अजीब कहानी: एक नेता ने एक टिकट के लिए 4 दिन में बदलीं 3 पार्टियां

Update: 2017-02-10 08:43 GMT
विधानसभा चुनाव से पहले एक अजीब कहानी सामने आई है। यह कहानी मुजफ्फरनगर की है। इसमें एक नेता को जब उसकी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो उसने चार दिन में तीन पार्टी बदल डाली। आखिर में इतनी मेहनत के बाद उसको टिकट भी मिल गया। यह किस्सा है मुजफ्फरनगर के शाहनवाज राणा था। 40 साल के शाहनवाज एक बिजनेसमैन होने के साथ-साथ नेता भी हैं। चुनाव के आस-पास उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन की थी। फेसबुक खंगालने के बाद पता लगा कि दिसंबर में वह शिवपाल के करीबी हुआ करते थे। लेकिन जनवरी में जब सपा की सत्ता अखिलेश के हाथ में आ गई तो उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल का हेंडपंप थाम लिया।

क्या था मामला ? शाहनवाज को सबसे पहले शिवपाल यादव ने अपनी लिस्ट में टिकट दी थी। लेकिन फिर अखिलेश ने भी अपनी लिस्ट जारी कर दी। उसमें शाहनवाज का नाम नहीं था। इसके बाद अखिलेश-कांग्रेस का गठबंधन हो गया। गठबंधन के बाद लगा कि मिरानपुर की सीट कांग्रेस को मिल सकती है। इसलिए शाहनवाज जाकर कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह क्षेत्रीय से राष्ट्रीय पार्टी में जाकर काम करना चाहते हैं। लेकिन बाद में पता लगा मिरानपुर की सीट पर सपा का ही प्रत्याशी लड़ेगा। इसके बाद कांग्रेस की जो लिस्ट आई उसमें भी मुजफ्फरनगर जिले की किसी भी सीट पर शाहनवाज को टिकट नहीं मिला। टिकट ना मिलने की बौखलाहट में 24 घंटे का भी इंतजार किए बिना उन्होंने अजीत सिंह की आरएलडी ज्वॉइन कर ली। लेकिन आरएलडी ने भी उन्हें मिरानपुर से टिकट नहीं दी। लेकिन बाद में शाहनवाज को खतौली से टिकट मिल ही गई।
शाहनवाज बीजेपी को छोड़कर सभी बड़ी पार्टियों में रहे हैं। 2007 वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें बीएसपी की टिकट से लड़ने का मौका मिला। लेकिन 2011 में उनपर रेप की कोशिश का आरोप लगा जिसके चलते उन्हें मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था। उनका एक वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। जिसमें उन्होंने कबूला था कि उन्होंने 12 साल की उम्र में एक मर्डर किया था। हालांकि, उन्होंने वीडियो को फर्जी बताया था।

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