डबल मीनिंग गानों से खराब हो रही भोजपुरी की छवि : भवानी पांडेय

Update: 2020-06-22 12:21 GMT


भोजपुरी सिनेमा आज तक उन ऊचाइंयों तक नहीं पहुंचा है जहां अन्य भाषा वाली फिल्मे हैं. भोजपुरी सिनेमा का नाम आते ही अश्लीलता का जिक्र होता है. लोग अपने परिवार के साथ बैठकर भोजपुरी फ़िल्में नहीं देख पाते. कारण ये है कि सिंगर्स बड़े ही आसानी से डबल मीनिंग गानों के जरिए दर्शकों को अश्लीलता परोस रहे हैं. भोजपुरी फिल्म जगत अश्लीलता का प्रतिक बनता जा रहा है. विश्व संगीत दिवस के अवसर पर टीवी रियलिटी शो दिल है हिंदुस्तानी एवं द वॉइस इंडिया फेम गायक भवानी कुमार पांडेय ने देसी से इस गंभीर विषय पर अपनी बात रखी।

भवानी ने कहा कि भोजपुरी अश्लील नहीं सबसे श्लील भाषा है. अश्लील गाने वाला जितना दोषी है, उतना ही सुनने वाला और गीत को लिखने वाला भी दोषी है. जहां तक अश्लीलता का सवाल है भोजपुरी में परंपरागत तरीके से गाना गाने और सुनने का भी रिवाज है. भोजपुरी संपूर्णता को सहेजे है. लेकिन डबल मीनिंग गानों से भोजपुरी की छवि खराब हो रही है.

वे आगे कहते हैं भोजपुरी में कुछ बुरा है तो वो है उसके गानों में अश्लीलता, बाकी भोजपुरी संस्कृति में सबकुछ अच्छा और अद्भुत है. भोजपुरी संस्कृति और भोजपुरी भाषा की मिठास लोगों को जोड़कर रखती है. कुछ चुनिंदा आर्टिस्ट और लेखक ऐसे गाने लिख रहे हैं. भोजपुरी गानों से अश्लीलता को खत्म करना है तो जिस तरह स्वच्छता का अभियान चलाया है उसी तरह गानों के लिए भी अभियान चलाना होगा. भोजपुरी में अश्लीलता का कोई स्थान नही है

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