सड़क दुर्घटनाओ को रोकने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार का सख्त कदम – प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव
कोरेना महामारी से देश को बचाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लॉक डाउन लागू किया है। उसके चौथे चरण का आज अंतिम दिन है । कल चौथे चरण का लॉक डाउन भी समाप्त हो जाएगा। इस समय सबसे बड़ी चुनौती जो केंद्र और राज्य सरकार के सामने उपस्थित है, वह है प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुँचाने की । वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि जो मजदूर जहां है, वहीं रहे। वहीं पर राज्य सरकारें उन्हें भोजन और अन्य जरूरत की चीजें उपलब्ध कराएंगी। लेकिन गृह प्रेम उनके इस निर्देश पर भारी पड़ा। लोग निषेधाज्ञा का उलंघन करते हुए पैदा ही अपने – अपने घरों के लिए रवाना हो गए । प्रधानमंत्री और प्रदेशों के मुख्यमंत्रियो ने इन्हें रोकने की खूब कोशिश की। लेकिन उनकी भावनाओं को ध्यान रखते हुए अधिक कड़ाई नहीं बरती । जिसकी वजह से उनके घर जाने का सिलसिला चलता रहा । केंद्र सरकार ने उन्हें घर पहुँचाने के लिए
विशेष ट्रेनों का भी प्रबंध किया । जो प्रतिदिन सम्पूर्ण सतर्कता और सावधानी बरतते हुए उन्हें उनके निकटतम स्टेशन तक पहुंचाने का प्रबंध कर रही हैं । लेकिन प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक होने के कारण एक ही बार में उन्हें तो नहीं पहुंचाया जा सकता है। यह भी सत्य है। वहीं दूसरी ओर बहुत ऐसी सूचनाएँ, जो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निर्गत की जाती हैं, उसकी जानकारी उन्हें नहीं हो पाती है । उनकी शिक्षा कम होने के कारण भी जो व्यवस्थाएं लागू हैं, उनकी प्रतिपूर्ति में भी उन्हें बांधा आ रही है ।
लेकिन सबसे अधिक पीड़ा और कष्टदायक स्थिति तब उत्पन्न होने लगी, जब अपने घरों के लिए निकले प्रवासी मजदूर विभिन सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने लगे । इससे शासन - प्रशासन पर सवाल उठने लगे। सरकारों को संदेहास्पद दृष्टि से देखा जाने लगा । विपक्ष ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल करके सरकार की नीति और नियति दोनों तरफ से घेरने का प्रयास होने लगा। विपक्षी राजनीतिक दलों के समर्थकों ने भी सोशल मीडिया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने का प्रयास किया ।
आज सुबह-सुबह तड़के एक दुर्घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया । इस दुर्घटना में करीब 24 लोग मारे गए ।
यह घटना उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में घटी । दिल्ली-कोलकाता हाईवे पर एक ढाबे के पास चाय पीने को रुकी मजदूरों से भरी खड़ी डीसीएम को एक ट्रॉले ने टक्कर मार दी। जिसमें 24 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई । शेष बुरी तरह से घायल 22 लोगों को जिला अस्पताल और 15 लोगों को सैफई के आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया ।
यह डीसीएम गाजियाबाद से 20 मजदूरों को लेकर मध्यप्रदेश के सागर जा रही थी। जबकि चूने से लदे हुए ट्राले में जो राजस्थान से पश्चिम बंगाल के जा रहा था, उसमें 70 मजदूर सवार थे। अभी तक मरने वालों में जिनकी शिनाख्त हो सकी है, उनके नाम इस प्रकार हैं - राहुल पुत्र विभूति निवासी गोपालपुर थाना पिंडा जोरा झारखंड, नदकिशोर, कनी लाल पिंडा जोरा झारखंड, केदारी यादव पुत्र मुन्ना यादव निवासी बारा चट्टी बिहार, अर्जुन यादव, राजा गोस्वामी, मिलन निवासी पश्चिम बंगाल, गोवर्धन पुत्र गोरांगो, अजीत पुत्र अमित निवासी पशिम बंगाल, चन्दन राजभर, नकुल महतो, सत्येंद्र निवासी बिहार, गनेश निवासी पुरुलिया पश्चिम बंगाल, उत्तम, सुधीर निवासी गोपालपुर, डॉक्टर मेहती, मुकेश, सोमनाथ गोस्वामी आदि शामिल हैं।
जैसे ही इस घटना की सूचना औरैया के प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को लगी, वे घटना स्थल पर पहुंचे । इसकी सूचना उन्होने उच्चाधिकारियों को दी। उच्चाधिकारियों ने इसकी सूचना प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी । उन्होने इस घटना का संज्ञान लेते हुए मृतक मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। साथ ही सभी घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के निर्देश दिये । इसके साथ ही उन्होंने कमिश्नर और आईजी कानपुर को घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना के कारणों की तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के सभी प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिख कर यह अपील की है कि रास्ते में चलते हुए मजदूरों को दूसरे प्रदेशों की सीमाओं या उनके घरों तक पहुँचाने का प्रबंध करें। साथ ही जिला प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे मजदूरो के खाने पीने और उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध करें । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिये कि वे आते-जाते हर वाहन की सख्ती से जांच करें। अगर वह दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें । माल वाहक वाहनों पर सवारी चढ़ाने पर सख्ती से पेश आयें ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दुर्घटना की सूचना दी गई। उन्होने इस पर अपना गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है। सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूँ । साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ । साथ ही प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से बात कर उन्हें घायलों को उचित चिकित्सा मुहैया कराने के निर्देश दिये ।
गृहमंत्री अमति शाह के संज्ञान में भी यह दुर्घटना लाई गई। सबसे पहले उन्होने इस दुर्घटना की जानकारी ली। इसके पश्चात ट्वीट करते हुए कहा कि आज औरैया (उत्तर प्रदेश) में हुई सड़क दुर्घटना अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार ने त्वरित राहत कार्य शुरू कर घायलों को हर सम्भव मदद पहुंचाई। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र ही स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया ।
लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस दुर्घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होने इसे दुर्घटना मानने से ही इंकार कर दिया। वे इसे हत्या निरूपित करते हुए ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में 24 से भी अधिक गरीब प्रवासी मजदूरों की मौत पर मुझे अवर्णनीय दुख है। मैं घायलों के लिए दुआएं करता हूँ। सब कुछ जानकर... सब कुछ देखकर भी... मौन धारण करने वाले हृदयहीन लोग और उनके समर्थक देखें कब तक इस उपेक्षा को उचित ठहराते हैं। ऐसे हादसे मृत्यु नहीं हत्या हैं। आखिलेश यादव ने औरैया हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा भी की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां एक ओर मृतक परिजनों को एक – एक लाख देने की घोषणा की। वहीं प्रदेश सरकार से 10 – 10 लाख रुपये का बुआबजा देने की मांग की। उन्होने अपने ट्वीट में बहुत ही कठोर शब्दों का प्रयोग किया ।उन्होने हृदयहीन और मौन शब्दों का उपयोग करके कटाक्ष किया ।
उत्तर प्रदेश की दूसरी विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने सिस्टम पर सवाल खड़ा करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि
उत्तर प्रदेश में आने या राज्य से गुजरने वाले मजदूरों के भोजन, आने-जाने और ठहरने की उचित व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकारियों द्वारा सीएम के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जिसके कारण औरैया में एक बड़ा हादसा हुआ। मैं मुख्यमंत्री से उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करती हूँ, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया। इस दुर्घटना में मृत और घायल हुए लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूँ। उन्होने अपने ट्वीट में एक ओर तो प्रदेश सरकार की प्रशंसा की । इस पूरी घटना के लिए प्रशासन को उत्तरदायी ठहरा दिया ।
इस दुर्घटना के बाद केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी इस दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करके ऐसी दुर्घटनाओं की रोकथाम करने की दिशा में सख्त कदम उठाए हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसके बाद दुर्घटनाओं में मरने वाले मज़दूरो पर विराम लगेगा ।
प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव
पर्यावरणविद, शिक्षाविद, भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी /समाजवादी चिंतक, पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट