कोरेना संक्रमण और आतंकवाद से एक साथ दो-दो हाथ करते भारतीय सेना के जवान – प्रोफेसर डॉ योगेन्द्र यादव
भारतीय सेना विश्व की श्रेष्ठतम सेनाओं में से एक है। वह सिर्फ सीमा पर ही नहीं, विविधतापूर्ण भारत देश में भी समय-समय पर अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करती आई है। इसी कारण इस देश का एक-एक नागरिक उनके राष्ट्रप्रेम की सिर्फ मिसाल ही नहीं देता, उन्हें जयहिंद कहते हुए सैल्यूट भी करता है। आज एक बार फिर भारतीय सेना के सामने विषम परिस्थिति उपस्थित हुई है। सम्पूर्ण विश्व कोरेना संक्रमण से जूझ रहा है। कोरेना संक्रमण की कोई वैक्सीन या कारगर इलाज न होने के कारण पूरी दुनिया मौत के मुहाने पर खड़ी है। अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष की तरह अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बीमारी से अपनी अवाम को बचाने के लिए लॉक डाउन घोषित कर रखा है। पहले चरण का लॉक डाउन समाप्त होने के बाद भी जब उन्होने देखा कि कोरेना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, संक्रमित लोगों के मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। तो उन्होने लॉक डाउन को समाप्त करने के बजाय दूसरे चरण का लॉक डाउन घोषित कर दिया। जो 19 दिन के लिए है। जिसके 9 दिन हम पूरे कर चुके हैं। 10 दिन और शेष बचे हुए हैं। देश की जनता लॉक डाउन के कारण अपने – अपने घरों में है। पुलिस प्रशासन उनका सहयोग कर रहा है। जहां लोग मनमानी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें नियंत्रित करने के लिए अपने तरीके भी अपना रहा है। लेकिन जम्मू और कश्मीर इसका अपवाद हैं। यहाँ के लोग स्थानीय पुलिस के निर्देशों और आदेशों का पालन उस तरह से नहीं करते हैं, जैसा देश के अन्य भागों में होता है। वे स्थानीय पुलिस को कुछ समझते ही नहीं है। दूसरी ओर आतंकवादी गतिविधियों के कारण वहाँ का प्रशासन सेना संभाले हुए है। इस कारण कोरेना संक्रमण के समय भी लोगों को आतंकवादियों के साथ-साथ कोरेना संक्रमण से भी बचाने की ज़िम्मेदारी भारतीय सेना के कंधों पर है ।
भारतीय सेना से मेरा अभिप्राय थल सेना, वायु सेना और जल सेना के अलावा सभी पैरा मिलिट्री फोरसेस से है। जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ सहित सभी बल शामिल हैं । सेना के ये सभी बल इस समय देशहित में अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं । ऐसे में जब पूरी दुनिया कोरेना संक्रमण के खिलाफ लड़ रही है। अपने-अपने देश के नागरिको को संक्रमण से बचाने के लिए प्रयत्न कर रही है। ऐसे में पाकिस्तान जो बुरी तरह से कोरेना से पीड़ित है। इसके बावजूद भारतीय सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है । कोरेना संक्रमण की वजह से भारत की पूरी प्रशासनिक मशीनरी का ध्यान इस समय उससे अपने नागरिकों को सुरक्षित बचाने में लगा हुआ है। इसी का फायदा उठा कर वह आतंकवादी गतिविधियो को अंजाम देना चाहती है । लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद है। इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बताया कि भारतीय सेना भारत की जनता के लिए ही है । ज़रूरत पड़ने पर भारतीय सेना प्रशासन की मदद करती है । कोरेना संक्रमण की ज़रूरतों को देखते हुए हमने अभी मानेसर, जैसलमेर और जोधपुर में क्वरंटीन सेंटर बनाए हैं। जब भी सरकार सेना के लिए कोई ख़ास काम निर्धारित करेगी, भारतीय सेना उसे बख़ूबी पूरा करेगी। कोरोना संक्रमण की वजह से भारतीय सेना के ऑपरेशन में कोई बदलाव नहीं आया है। सेना सरकार के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपना काम पहले की तरह जारी रखे हुए है ।
जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन के बाद भी वह निरंतर आतंकवादियों का सफाया का रही है । इस वर्ष अब तक जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के करीब 50 टॉप आतंकियों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया है । इनमें से 18 आतंकवादियों को लॉकडाउन के दौरान मारा गया है। लेकिन घात लगाकर आतंकवादियों की ओर से किए गए हमले में देश के 17 जवानों को भी शहीद होना पड़ा ।
आतंकवादियों ने सिर्फ जवानों पर ही घात लगा कर हमले नहीं किए, स्थानीय जनता के 9 लोगों की भी हत्या दी। 15 जनवरी को मुजाहिद्दीन के एक शीर्ष कमांडर हारून वानी को भारतीय सेना के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के डोडा के गुंडाना इलाके में मार गिराया । 23 जनवरी को सेना के जवानो ने यासिर के एक साथी आतंकवादी कमांडर अबू सैफुल्लाह उर्फ अबु कासिम पुलवामा जिले के खुरे इलाके में मार गिराया । 25 जनवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए । जिसमें जैश का स्वघोषित कश्मीर प्रमुख कारी यासिर शामिल था। इस मुठभेड़ में तीन जवान घायल हो गए थे। 15 मार्च को लश्कर जिला कमांडर मुजफ्फर अहमद भट समेत चार आतंकवादियों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के डायलगाम इलाके में सुरक्षा बलों मार गिराया । 9 अप्रैल को सेना के जवानों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर मंर जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सजाद नवाब डार को मार गिराया।
भारत सरकार का निर्देश मिलने के बाद श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान को कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने में सहायता करने के लिए भारतीय सेना अलग-अलग दल बनाकर इन देशों में भेजने की तैयारी कर रही है। पिछले महीने भारतीय सेना के 14 सदस्यीय एक दल मालदीव में कोरोना वायरस जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने और स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए भेजा गया था। इस महीने प्रारम्भ में सेना के 15 सदस्यीय एक दल को द्विपक्षीय सहयोग के तहत कुवैत भेजा था। दक्षेश सम्मेलन के अनुसार भारत ने पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, मॉरिशस, श्रीलंका और म्यांमार को भी दवाएं भेजी हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान कोरोना वायरस के चलते बने हालातों के बावजूद नहीं सुधरा है। वह कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कोरेना वायरस का सहारा लेकर घाटी में आतंकियों की सप्लाई कर रहा है। पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान नहीं सुधर रहा है । पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी अब कोरोना वायरस का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं । यह खतरनाक साजिश पाक अधिकृत कश्मीर में रची जा रही है और इसमें पाकिस्तानी सेना के संकेत मिले हैं। सूचना के मुताबिक पाकिस्तानी फौजियों में कोरेना का संक्रामण बड़ी तेजी से फैल रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसकी संख्या 800 के पार हो चुकी है । सोचनीय विषय यह है कि इसमें से ज्यादातर भारतीय सीमा के पास तैनात किए गए हैं। भारतीय सेना को जो खबर चिंता में डाल रही है कि पाकिस्तान अपने संक्रमित जवानों और आतंकवादियों को क्वारंटाइन या अस्पताल न भेजकर आईएसआई के कहने पर भारतीय सीमा के पास धकेल रहा है । उन्हें जेहाद के नाम पर भड़का रहा है कि अब तुम्हारा बचना नामुमकिन है इसलिए बड़ी आतंकवादी वारदात करके मरो । इससे कश्मीर में कोरोना संक्रमण विस्फोटक हो सकता है । इसीलिए पिछले हफ्ते दक्षिण कश्मीर में चार आतंकवादियों के मारे जाने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल ए सेनगुप्ता ने आम लोगों से आतंकवादियों की खाना न देने की अपील भी की । उनसे कहा कि जिन आतंकवादियों को आप खाना दें रहे हैं, वे आपको कोरेना वायरस देकर मौत के मुंह में धकेल सकते हैं ।
लेकिन सेना उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। कोरेना संक्रमण से खुद बचते हुए, वहाँ के नागरिकों को जागरूक करते हुए अपने नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रही है । वह किसी भी हालत में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। उसे सिर्फ नेस्तनाबूद भी नही करेगी, बल्कि जम्मू कश्मीर में रह रहे भारतीय नागरिकों को कोरेना और आतंकवादियों दोनों से सुरक्षा प्रदान करेगी। हालांकि ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरेना संकट से बचने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा का उपयोग कर रहा है। वैसे में भारतीय जवानों को दो मोर्चों पर लड़ना पड़ रहा है । एक ओर वह कोरेना संक्रमण से लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर देश की सीमाओं को भी सुरक्षित रखे हुए हैं। भारतीय जवानों को इस जज्बे को जयहिंद ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी एंटी-कोविड ऑपरेशंस में डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उन्हे संक्रमित पाया गया है। इसके साथ ही सेना में संक्रमितों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है । हालांकि भारतीय सेना के ऐसे जवान, जो मेडिकल कोर में हैं, जो हॉस्पिटलों में लगातार संक्रमित लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लाख सावधानी बरतने के बावजूद उनके संपर्क में आने की वजह से कोरेना संक्रमित हो रहे हैं। जो चिंता का विषय है। लेकिन उनके दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे दुश्मन भी पानी मांग लेते हैं। तो फिर यह कोरेना क्या है ? खुद को क्वारंटीन कर वे सभी स्वस्थ होंगे, ऐसी सभी को आशा है, और देश के एक – एक नागरिक का आशीर्वाद और शुभकामनायें उनके साथ हैं।
प्रोफेसर डॉ योगेन्द्र यादव
पर्यावरणविद, शिक्षाविद, भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी /समाजवादी चिंतक, पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट