ऐ नारी तू है सर्व-शक्तिमान, इस ब्रह्मांड की है,तू अभिमान : भाग्यश्री शाह

Update: 2020-04-20 06:01 GMT

जो बिंधते है तुझे, कटु शब्दों के प्रहार से तू किंचित भी विचलित न होना,अपने विचार से !

जो तेरी निजी सोच पे उठाते सवाल है,

वो स्वंय ही समाज के लिए एक बवाल है!

जो देखे तुम्हें एक वस्तु की भांति,

चीर देना तुम उन कायरों की छाती !

जो देख न पाए तुम्हे ,उनसे निकलते आगे बेशक तोड़ देना, तुम उनकी दो टांगे !

जो बेवज़ह बात बात पे, दे तुम्हें धमकियां उससे जरूर पिसवाओ, तुम हवालात की चक्कियाँ !

जो बात बात पे ,उठाये तुमपे हाथ

तुम कभी न देना ,ऐसे इंसान का साथ !

जो छोटी छोटी बात पे, करे तुमपे शंका निश्चित ही तुम जल देना, उसकी सोने की लंका

जो बार बार याद दिलाये,तुम्हें तुम्हारा भूतकाल

अवश्य ही बदल देना, तुम उसका भविष्यकाल !

जो दे ना पाए, तुम्हें सम्मान

उसका तीनों लोक में, नही है कोई स्थान!

जो करते है तेरे वस्त्र पे, अभद्र टिप्पणियाँ उस घटिया नियत वाले इंसान की, उड़द देना तुम धज्जियाँ!

जो सोचते है आज भी,तुम बानी रहो अबला नारी दिखला देना जग को, तू है सब पे भारी!

जग कभी ये भूलना नही की एक नारी है सर्वशक्तिमान इस ब्रह्मांड की है तू पहचान!

कविता : भाग्य श्री शाह....मुम्बई/महाराष्ट्र

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