नागरिकता संसोधन विधेयक 2019

Update: 2019-12-10 09:27 GMT

1947 में हुआ भारत विभाजन विश्व इतिहास का सबसे असभ्य, निर्लज्ज और अमानवीय बटवारा था। परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी रही हों, पर तात्कालिक भारतीय नेताओं द्वारा विभाजन को उस बेईमान रूप में स्वीकार करना एक ऐतिहासिक पाप था। संसार का कोई भी विभाजन यदि लाखों-लाख लोगों की हत्या और बलात्कार का कारण बने, तो उसे अनैतिक और अधर्म ही कहा जायेगा।

यदि हम तात्कालिक पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में छूट गए करोड़ों हिन्दुओं, सिक्खों, बौद्धों, जैनों के बारे में सोचें तो वे हमें दुनिया के सबसे असहाय और शोषित लोग लगेंगे।

देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, दो टुकड़े मुश्लिमों को मिले और एक टुकड़ा शेष को मिला। फिर आखिर क्या सोच कर लाखों हिन्दुओं, सिक्खों, बौद्धों को पाकिस्तान में मरने के लिए छोड़ दिया गया? जो देश आधिकारिक तौर पर मुश्लिम राष्ट्र घोषित हैं, उनमें रह रहे हिन्दुओं को कितनी और किस-किस तरह की पीड़ा झेलनी पड़ती होगी, इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्हें किस तरह से नोचा, लूटा जाता है इसकी कुछ खबरें कभी कभी अखबारों में आती हैं।अभी कुछ दिन पूर्व की ही खबर थी कि पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों में ही हजार हिन्दू लड़कियों को अगवा कर के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करा दिया गया और उनसे निकाह कर लिया गया।

पाकिस्तान में ऐसा 1947 से ही हो रहा है। भारत की सरकार अपने विकास में लग गयी, किसी ने अपने उन बिछड़े भाइयों के बारे में सोचा तक नहीं।

क्या यह प्रश्न सटीक नहीं है कि जब हिंदुस्तान हिन्दुओं का हिस्सा था, तो अखण्ड भारत के हर हिन्दू की स्वाभाविक नागरिकता भारत मे बनती है? क्या हर सिक्ख, हर बौद्ध, हर जैन को जन्म से ही भारत की नागरिकता नहीं मिल जानी चाहिए थी? फिर उन्हें सत्तर वर्षों तक उनके अधिकार से वंचित क्यों रखा गया? उन्हें भारत से दूर क्यों किया गया?

वे पिछले सत्तर वर्षों से तड़पते रहे हैं। वे पिछले सत्तर वर्षों से पाकिस्तानी अत्याचार सहने के लिए विवश हैं। 1947 में पाकिस्तान में लगभग एक करोड़ हिन्दू थे, आज बस कुछ लाख बचे हैं। शेष क्या हुए? कहाँ गए?

शेष को मार दिया गया। उनकी बेटियों को उठा कर जबरदस्ती विवाह कर लिया गया, और लड़के कुँवारे मर गए। उनकी संख्या बढ़ने के बजाय घटती चली गयी, वे समाप्त हो गए।

अब तनिक सोचिये तो! पाकिस्तान में छूटे करोड़ों हिन्दुओं का अपराधी कौन था? किसने उनका समूल नाश करा दिया? उत्तर हम सब जानाते हैं।

आज भारत की सरकार नागरिकता संसोधन विधेयक लाई है, तो यह उन अभागों के लिए किया गया अबतक का सबसे बड़ा काम है।

पाकिस्तान, बंग्लादेश में रह रहे हर हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख का भारत की नागरिकता मिलनी ही चाहिए। 1947 में यही भूमि उनके हिस्से में मिली थी। भारत हिन्दू-राष्ट्र हो न हो, हिन्दू होमलैंड अवश्य है।

कल का दिन इतिहास के सबसे सुन्दर दिनों में से एक था। कल जब भारत की संसद में अमित शाह गरज रहे थे, तो जाने क्यों बड़ा सुकून मिल रहा था। 1947 में की गई गुजरातियों की गलती का प्रायश्चित दो गुजराती आज बखूबी कर रहे हैं। भारत को मोदी-शाह की जोड़ी कमसे कम दस वर्ष और तो चाहिए ही...

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

गोपालगंज, बिहार।

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