साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल, इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण 580 वर्ष पहले घटित हुआ था

Update: 2021-11-18 05:57 GMT

19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्रग्रहण घटित होने वाला है। यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। जिसके कारण सूतक काल मान्य नहीं है। धार्मिक मान्यता अनुसार ग्रहण काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। किंतु ग्रहण काल के दौरान दान का बहुत महत्व होता है।

चंद्र ग्रहण के दौरान श्वेत वस्तुओं का दान करने से चंद्र ग्रहण शुद्ध होता है। मानसिक पीड़ा दूर होगा मन शांत व संतुलित होता है। व संतुलित चित वाले व्यक्ति के सभी निर्णय फलीभूत होते हैं। आय में वृद्धि होती है।

ग्रहण काल के दौरान निकाली हुई सफेद तिल की गजक को किसी जरूरतमंद को दान करें। व्यवसाय एवं व्यापार मे उन्नति होगी।

ग्रहण काल में निकाली हुई रोटी काले सफेद कुत्ते को खिलाएं। जीवन में आ गई विपत्तियों से मुक्ति मिलेगी।

मानसिक रोगी ग्रहण उपरांत चंद्रमा के दर्शन कर चांदी के लोटे से चंद्रमा को अर्घ दे। मानसिक पीड़ा दूर होगी।

चंद्र ग्रहण के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें। विवादों व अवसाद से मुक्ति मिलेगी।

2021 का यह आखिरी चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि व कृतिका नक्षत्र में लगेगा। इस राशि व नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का खासा प्रभाव रहेगा।

भारतीय समय अनुसार 19 नवंबर 2021 का यह चंद्र ग्रहण 12 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होकर सांय 4 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। उस हिसाब से यह लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण 3 घंटे 29 मिनट तक रहेगा। इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण 580 वर्ष पहले घटित हुआ था। चंद्रग्रहण की अवधि चंद्रमा की धरती से दूरी कितनी है, यह तय करती है।

यह चंद ग्रहण भारत में इंफाल (मणिपुर की राजधानी) व उसके आसपास के क्षेत्रों में देखा जाएगा। असम, अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों में भी इस ग्रहण की दृश्यता रहेगी। अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, एंटार्कटिका और प्रशांत महासागर जैसे देशों में इस ग्रहण को देखा जाएगा। आंशिक ग्रहण होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं रहेगा।


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