आज से शुरू हो रहे पितृ पक्ष, जानिए किन कार्यों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.

Update: 2021-09-20 02:10 GMT

आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार भादों मास की पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है. इस दिन से पितरों को तर्पण दिया जाता है. इस बार पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021 से शुरू होकर पितृ अमावस्या यानी 06 अक्टूबर तक होगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जो परिजन अपना देह त्यागकर परलोक चले गए हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है.

इसके अलावा यमराज भी श्राद्ध पक्ष में जीवों को मुक्त कर देते हैं ताकि वे अपने परिजनों के यहां जाकर तृपण ग्रहण कर सकें. मानते हैं कि पितृ श्राद्ध पक्ष में पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों से तर्पण पाकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं. इससे घर में सुख शांति बनी रहती हैं. अगर कोई व्यक्ति मृत परिजन को तर्पण नहीं देते हैं तो पितृ नाराज हो जाते है, साथ ही कुंडली में पितृ दोष लग जाता है. पितृ पक्ष में जानिए किन कार्यों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.

पितरों के लिए क्या करें

पितृ पक्ष के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दान- पुण्य करना चाहिए. इस दिन तेल, सोना, घी, चांदी, गुड़, नमक और फल का दान करना चाहिए. इस दिन ब्राह्मणों को खाना खिलाना चाहिए. श्राद्ध पक्ष में दान तिथि के अनुसार ही करें. ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

पितरों से क्षमा याचना मांगे

अगर आप जाने अनजाने कोई गलती कर बैठे हैं तो पितरों से क्षमा मांग सकते हैं. इस स्थिति में अपने पितरों की पूजा करते हुए उनकी तस्वीर पर तिलक करें. पितृ की तिथि के दिन तिल के तेल का दीप प्रजवलित करें और उस दिन गरीब लोगों को भोजन बांटे और गलतियों के लिए क्षमा मांगे. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे.

इस तरह करें पूजा

अगर आपके कोई पूर्वज पूर्णिमा के दिन चले गए है तो उनका श्राद्ध ऋषियों को समर्पित होता है. इस दिन दिवंगत की तस्वीर को सामने रखें और निमित तर्पण करवाएं. पितरों की तस्वीर पर चंदन की माला और चंदन का तिलक लगाएं. इसके अलावा पितरों को खीर अर्पित करें. इस दिन पितर के नाम का पिंडदान करवाएं और बाद में कौआ, गाय और कुत्तों को प्रसाद खिलाएं. इसके पश्चात ब्राहमणों को भोजन करवाएं और फिर स्वयं खाएं.

सर्व पितृ श्राद्ध

इस दिन पितरों का पिंडदान या श्राद्ध करना बहुत ही महत्व होता है. सर्व पितृ के दिन पितरों का तर्पण किया जाता है, जिनकी अकाल मृत्यु हो चुकी हैं या जिनकी तिथि पता नहीं होती है.

श्राद्ध में बरतें ये सावधानी

श्राद्ध के समय में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इस दिन प्याज, लहसुन, मांस और मछली का सेवन नहीं करना चाहिए. श्राद्ध तिथि के दिन दिवंगत आत्मा हेतु घर के प्रत्येक सदस्यों के हाथों को दान करवाना चाहिए. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को भोजन करवाएं और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दें.


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