अभय सिंह....
आने वाली है शुभ घड़ी।
देशवासियों को था इंतजार ।।
पांच अगस्त तय अभिजित ।
मुहूर्त में भूमिपूजन का आधार ।।
उमंग में सम्पूर्ण अवध नगरी ।
मुक्त ह्रदय से प्रकट करे आभार ।।
हो रही हैं चर्चा अब तो ।
क्या खास, क्या आम ?
जुबां पर सबका है नाम एक मात्र ।
विराजे प्रभु सीता संग राम ।।
कुछ दिनों की बस बात है ।
लग जायेंगें पूर्ण विराम ।।
सदियों से संजोकर रखें थे ।
सपना अविलंब होगा साकार ।।
छायेंगी खुशियाँ चहूओर ।
मर्यादा पुरुषोत्तम का शोर ।।
भव्य बनेगा गगनचुंबी ।
अद्भूत होगा अलंकृत आकार ।।
शिखर पर लहरेगा जब ।
भगवाध्व्ज का परचम तब ।।
सरयू नदी के निर्मल जल ।
अविरल बहती रहे कलकल ।।
आयेगा पुन: रामराज्य ।
स्थापित होगा फिर से सुराज ।।