राजस्थान : सवाई माधोपुर के बरवाड़ा में चौथ माता मंदिर — 565 वर्षों से आस्था का केंद्र

Update: 2025-10-10 06:08 GMT


डेस्क रिपोर्ट - विजय तिवारी

स्थान : बरवाड़ा, सवाई माधोपुर, राजस्थान

स्थापना : सम्वत 1451 (लगभग 565 वर्ष पूर्व)

मुख्य देवी: चौथ माता (गौरी देवी का रूप)

प्रमुख पर्व: करवा चौथ मेला, माघ माह की कृष्ण चतुर्थी, नवरात्रि

विशेषता : पहाड़ी की चोटी पर स्थित, लगभग 700 सीढ़ियाँ

ऐतिहासिक दृष्टि

बरवाड़ा गांव का यह मंदिर चौथ माता के कारण प्रसिद्ध है। यह माना जाता है कि महाराजा भीम सिंह चौहान ने स्वप्न में देवी की आज्ञा से पास के पंचाला गांव से मूर्ति लाकर इसे पहाड़ी पर स्थापित किया। समय के साथ, मंदिर का विस्तार और मजबूती राजा तेज सिंह राठौड़ के समय हुई। परिसर में देवी के अलावा भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।

स्थापत्य और विशेषताएँ

मंदिर पारंपरिक राजस्थानी शैली में बना है। सफेद संगमरमर और पत्थर की नक्काशी इसे विशिष्ट बनाती है। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 700 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो इस स्थान की भव्यता और आस्था को दर्शाती हैं।

धार्मिक महत्व

चौथ माता की पूजा अखंड सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि के लिए की जाती है। माघ माह में आयोजित करवा चौथ मेला और नवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशेष पूजा और आयोजन होते हैं। यह मंदिर राजस्थान के कई परिवारों की कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है।

सांस्कृतिक और पर्यटन आकर्षण

मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजस्थान की लोक संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। मेलों में पारंपरिक लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प देखने को मिलता है। पहाड़ी से अरावली श्रृंखला का मनोरम दृश्य पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।

पहुँच और यात्रा मार्ग

निकटतम रेलवे स्टेशन: सवाई माधोपुर (लगभग 25 किमी)

निकटतम हवाई अड्डा: जयपुर हवाई अड्डा

स्थानीय आवागमन : टैक्सी, बस या ऑटो-रिक्शा

बरवाड़ा का चौथ माता मंदिर राजस्थान की धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल दर्शन करते हैं, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का अनुभव भी करते हैं।

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