Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 18

एक कहानी सीधे मोतीझील से......... "देवी"

13 Dec 2017 7:57 AM GMT
दिन के डेढ़ बज के पौने तीन मिनट हो रहे हैं पर अबतक आलोक पाण्डेय के मुह में एक बून्द पानी भी नही गया है।सुबह से एक भी अलमारी नही बची जिसमे रखी सभी...

जो चाहते हो दिलों पर हुकूमत करो....

13 Dec 2017 2:56 AM GMT
दिसंबर के महीने में जब भोर के छह बज रहे हों, रजाई नामक नायिका आँखों में लाज भरे कह रही हो - प्लीज़ अब तो छोड़ दीजिए न,लोग क्या कहेंगे!इधर तकिया सिर के...

प्रिय गुजरातियों!

11 Dec 2017 12:45 PM GMT
मैं आपको यह पत्र क्यों लिख रहा हूँ, यह नहीं जानता। अंदाज लगता हूँ तो लगता है कि शायद इसलिए, कि जो परिस्थिति आज आपके सामने है, वह हमारे यहां आज से लगभग...

"चंदनिया प्रीत"

11 Dec 2017 12:39 PM GMT
बात तब की है जब मुँह में 'तिरंगा' और जुबान पर 'जा झार के' वाली पनीली तान थी ..., तब रेडियो पर विविध भारती बजती थी ..., तब टाटा इंडिकॉम का 'नया...

कुंदन बाबू ...... रिवेश प्रताप सिंह

10 Dec 2017 10:23 AM GMT
कुंदन बाबू बीए तृतीय वर्ष में प्रवेश के साथ बहुत मामलों में परिपक्व हुए लेकिन 'प्रेम और हृदय' जैसे विषयों पर उनकी तर्कशक्ति माध्यमिक स्तर की ही थी।...

एक कहानी सीधे मोतीझील से......... "देवी"

9 Dec 2017 8:39 AM GMT
दिन के डेढ़ बज के पौने तीन मिनट हो रहे हैं पर अबतक आलोक पाण्डेय के मुह में एक बून्द पानी भी नही गया है।सुबह से एक भी अलमारी नही बची जिसमे रखी सभी...

शुक्रिया ज़िन्दगी... शुक्रिया दोस्तों!

9 Dec 2017 2:52 AM GMT
यूपी-बिहार की पैसेंजर ट्रेनों में एक साथ कई मोर्चे पर युद्ध करना होता है। पटना में गया वाली ट्रेन जैसे ही रुकी, मुझे आपातकालीन खिड़की के पास सीट खाली...

गाँव तो बेटियों के ही होते हैं...

7 Dec 2017 3:30 AM GMT
जब गेहूँ की फसल देकर थक चुके खेत, चैत-बैसाख में अलसाए से पड़े रहते हैं और अचानक बारिश का एक झोंका उत्तर से आकर भिगोते हुए भाग जाता है, तब खेत चौंक कर...

रामs रामs रामs हो जी के, राम जी के नईया हो.....

6 Dec 2017 12:23 PM GMT
कथा है, कि लंका जाने के लिए पुल बनाने के समय जब बानर समुद्र के जल में पत्थर पर राम जी का नाम लिख कर डाल रहे थे, तब राम जी ने भी एक पत्थर डाला। सबके...

असित - वेंट टू वेंट....

5 Dec 2017 2:59 PM GMT
अगर गौ गंगा और गीता की शपथ लेकर कोई बात कहनी हो तो कहना ही पड़ेगा कि मुझे प्यार से नहीं यात्राओं से डर लगता है। हिंदी साहित्य की जितनी भी विधाएँ हैं...

माझी (कहानी)

5 Dec 2017 2:45 PM GMT
जेठ की तपती गर्मी में भी 'सरजू जी' इतना नहीं घटतीं कि कोई गांव का तैराक या डेंगी वाला सरजू जी की धारा को मजाक में ले... उस समय भी नाव के एक खेवा में...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "कसम"

28 Nov 2017 6:12 AM GMT
अपनी दाढ़ी के नीचे जब उसने सेल्फ लोडेड राइफल की नली सटाई तो जाने क्यों उसके होठ मुस्कुरा उठे। उसने एक बार भय से थर थर कांपती लड़की की तरफ निगाह उठाई और...
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