दिल्ली ब्लास्ट : DNA रिपोर्ट से खुला राज़ - कार में मारा गया आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही था, चार शहरों में धमाकों की थी साजिश
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
नई दिल्ली।
लालकिला के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह स्पष्ट हो गया है कि धमाके के वक्त कार में मौजूद व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी था।
फॉरेंसिक लैब से आई डीएनए रिपोर्ट ने पूरे मामले की दिशा तय कर दी है। उमर के शरीर के अवशेषों का सैंपल उसकी मां के डीएनए से 100 प्रतिशत मैच कर गया, जिससे उसकी पहचान की आधिकारिक पुष्टि हो गई।
पहचान की गुत्थी कैसे सुलझी
धमाके के बाद कार पूरी तरह जल चुकी थी और शरीर के केवल कुछ जले हुए हिस्से ही बरामद हुए थे।
पहचान लगभग असंभव लग रही थी, लेकिन जांच टीम ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से उमर की मां का डीएनए सैंपल मंगवाया और तुलना के लिए भेजा।
परिणाम में दोनों नमूने 100% मैच कर गए, जिससे यह साफ हो गया कि धमाके में डॉ. उमर मोहम्मद की ही मौत हुई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, “डीएनए परिणामों से यह प्रमाणित हुआ कि कार चला रहा व्यक्ति वही आतंकी डॉ. उमर था।”
दिल्ली धमाके का पूरा सिलसिला
10 नवंबर की शाम करीब 6:52 बजे लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास सफेद i20 कार में धमाका हुआ।
विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और कई लोग घायल हुए।
अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 10 की पहचान कर ली गई है।
बाकी दो शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच जारी है।
धमाके से पहले की यात्रा का खुलासा
जांच में सामने आया है कि डॉ. उमर फरीदाबाद में विस्फोटक बरामदगी के बाद वहां से फरार हुआ था।
वह मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा और फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के रास्ते वापस दिल्ली लौटा।
रास्ते में एक ढाबे पर उसने रात बिताई और सीसीटीवी कैमरों में उसकी मौजूदगी दर्ज हुई।
एजेंसियों ने पाया कि उसने धमाके से 11 दिन पहले सफेद रंग की i20 कार खरीदी थी — वही कार जिसमें विस्फोट हुआ।
चार शहरों में धमाकों की थी योजना
एनआईए की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि उमर अकेला नहीं था।
उसने कई साथियों के साथ मिलकर दिल्ली, अयोध्या, प्रयागराज और मुंबई में एक साथ धमाके करने की साजिश रची थी।
इस ऑपरेशन को “Z-4 प्लान” नाम दिया गया था।
जांच टीम ने उमर के लैपटॉप से विस्फोटक तैयार करने के फार्मूले, नक्शे और एन्क्रिप्टेड फाइलें बरामद की हैं, जो चारों शहरों में लक्ष्य-स्थलों से जुड़ी थीं।
फरीदाबाद यूनिवर्सिटी कनेक्शन
उमर मोहम्मद फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था, जहां उसने कुछ छात्रों के साथ मिलकर रासायनिक प्रयोग किए और IED डिवाइस तैयार करने का प्रशिक्षण दिया।
एनआईए को यह भी संदेह है कि विश्वविद्यालय के लैब उपकरणों का इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने में किया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी की उच्चस्तरीय बैठक और सख्त चेतावनी
दिल्ली धमाके के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ आपात बैठक की।
बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि— “भारत की धरती पर आतंक की कोई गुंजाइश नहीं है। जो भी देश की शांति और नागरिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे उसके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी” पर कायम है। उन्होंने एनआईए, दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो को पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने और विदेशी फंडिंग चैनलों की गहन जांच करने का निर्देश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि “सुरक्षा एजेंसियों को सिर्फ घटना के बाद नहीं, बल्कि उससे पहले हर संदिग्ध गतिविधि पर सतर्क रहना होगा।”
गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि “डीएनए जांच ने सच्चाई सामने रख दी है। जो भी देश के खिलाफ साजिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सरकार इस केस को ‘मॉडल इंवेस्टिगेशन’ के रूप में देख रही है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की जांच और तेजी से की जा सके।
एजेंसियों का अगला फोकस
अब जांच एजेंसियां उमर मोहम्मद के संपर्क में रहे तकनीकी सहायकों और फंडिंग चैनलों की तलाश में जुटी हैं।
क्रिप्टो वॉलेट और विदेशी खातों से संदिग्ध लेनदेन के सुराग मिले हैं।
दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी जारी है।
डीएनए रिपोर्ट से यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि दिल्ली ब्लास्ट में मारा गया व्यक्ति आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ही था।
उसकी पहचान ने न केवल जांच को नई दिशा दी है बल्कि यह भी उजागर किया है कि आतंकी साजिशें अब शिक्षा संस्थानों और साइबर नेटवर्क तक फैल चुकी हैं।
प्रधानमंत्री की सख्त चेतावनी के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं ताकि किसी भी नई आतंकी साजिश को जड़ से खत्म किया जा सके।