भारत–अमेरिका व्यापार समझौते पर बड़ा संकेत : पीयूष गोयल बोले-“जल्द मिलेगी अच्छी खबर”, बराबरी की साझेदारी पर फोकस
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं में नई हलचल देखने को मिल रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर जनता को जल्द ही सकारात्मक और बड़ी खबर सुनने को मिल सकती है।
गोयल ने इसे ऐसा समझौता बताया है जो निष्पक्ष, न्यायसंगत और दोनों देशों के लिए संतुलित होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत किसी भी वैश्विक आर्थिक साझेदारी में बराबरी के आधार पर ही आगे बढ़ेगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह समझौता?
भारत और अमेरिका एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापार साझेदारों में शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई मुद्दों पर मतभेद उभरे—
टैरिफ (शुल्क) विवाद : अमेरिका ने भारतीय स्टील-एल्यूमिनियम पर ज्यादा शुल्क लगाया था, जवाब में भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशुल्क लगाया।
डिजिटल ट्रेड नियम: डेटा सुरक्षा, डिजिटल सर्विस टैक्स और ई-कॉमर्स नीतियों पर दोनों देशों की अलग-अलग चिंताएँ हैं।
कृषि और मेडिकल उपकरणों पर असहमति: कुछ उत्पादों पर अमेरिका अधिक बाजार पहुँच चाहता है, जबकि भारत अपनी घरेलू उद्योग सुरक्षा को लेकर सतर्क है।
इन सभी जटिल मुद्दों को हल करने के लिए कई महीनों से तकनीकी वार्ताएँ चल रही थीं। गोयल का नया बयान इस बात का संकेत है कि वार्ता अब लगभग अंतिम चरण में पहुँच चुकी है।
समझौते के संभावित मुख्य बिंदु
सूत्रों के आधार पर संभावित प्रावधानों को इस तरह समझा जा सकता है:
कुछ श्रेणी के आयात शुल्क में सीमित कमी, ताकि उद्योगों को झटका न लगे।
डिजिटल व्यापार और डेटा ट्रांसफर पर सहयोगात्मक फ्रेमवर्क, जिससे टेक कंपनियों को सुगमता मिले।
कृषि उत्पादों के निर्यात-आयात पर व्यवहारिक समाधान, जहाँ दोनों देशों के किसानों के हित संतुलित हों।
जॉब-क्रिएशन सेक्टर्स में संयुक्त निवेश, जैसे मैन्युफैक्चरिंग, क्लीन एनर्जी, और टेक्नोलॉजी।
सरकार का सख्त लेकिन संतुलित रुख
पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि आज का भारत—
किसी दबाव में नहीं झुकता,
किसी भी समझौते में एकतरफा लाभ नहीं देता,
और हर बातचीत में राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देता है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत की आर्थिक स्थिति पहले से अधिक मजबूत हुई है, इसलिए वैश्विक मंच पर अब देश आत्मविश्वास से अपनी शर्तें रख रहा है।
व्यापार जगत की उम्मीदें क्या हैं?
उद्योग संगठनों का मानना है कि यह समझौता:
निर्यात बढ़ाने,
टेक सेक्टर में नई साझेदारियाँ लाने,
और व्यापार बाधाओं को कम करने में
काफी मदद करेगा। खासकर MSME और टेक सेक्टर के लिए यह एक गेम-चेंजर हो सकता है।
गोयल के बयान ने संकेत दे दिया है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अब सिर्फ औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहा है। दोनों देश रणनीतिक और आर्थिक रूप से करीब आ रहे हैं, और आने वाले दिनों में इसका असर व्यापार, निवेश और वैश्विक साझेदारियों पर साफ दिख सकता है।