'एक्सरसाइज त्रिशूल' से पश्चिमी सीमा पर बढ़ी हलचल, पाकिस्तान ने दिखाई सतर्कता या डर?
भारत की तीनों सेनाओं — थलसेना, नौसेना और वायुसेना — का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज त्रिशूल’ इन दिनों पश्चिमी सीमा के पास जारी है। करीब 20,000 जवान, अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट्स और ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम के साथ यह अभ्यास भारत की संयुक्त युद्ध-तैयारी का सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है।
अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच ऑपरेशनल तालमेल को परखना और सीमावर्ती इलाकों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की क्षमता को मजबूत करना है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास भारत की थिएटर कमांड संरचना की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
इस बीच, पाकिस्तान ने अचानक अपने हवाई क्षेत्र को आंशिक रूप से बंद करते हुए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है। साथ ही, उसके नौसेना विभाग ने समुद्री फायरिंग वार्निंग भी दी है। इसे लेकर सुरक्षा हलकों में चर्चा है कि क्या यह पाकिस्तान की डर से उपजी प्रतिक्रिया है या फिर सिर्फ रक्षात्मक सतर्कता।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि किसी भी बड़े पैमाने के सैन्य अभ्यास के दौरान पड़ोसी देशों द्वारा ऐसी प्रतिक्रियाएं देना सामान्य है, ताकि गलती से कोई सीमा उल्लंघन या संचार भ्रम न हो। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा त्वरित और व्यापक प्रतिबंध लागू करना यह भी दर्शाता है कि वह भारत के शक्ति प्रदर्शन से रणनीतिक दबाव महसूस कर रहा है।
कुल मिलाकर, “त्रिशूल” भारत की सैन्य तैयारी का एक सशक्त संदेश है — जो यह स्पष्ट करता है कि तीनों सेनाएं किसी भी मोर्चे पर एकजुट होकर कार्रवाई करने में सक्षम हैं। वहीं, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि भारत की बढ़ती संयुक्त क्षमता को लेकर उसके भीतर सतर्कता के साथ-साथ असहजता भी मौजूद है।