ट्रंप के दुश्मन देश वेनेजुएला की आयरन लेडी को मिला नोबेल, जानिए इनके बारे में
वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो अब 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार जीत चुकी हैं. हाँ, वही पुरस्कार जिसकी उम्मीद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर रहे थे. मगर नोबेल समिति ने इस बार उन्हें नहीं, बल्कि लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए लगातार संघर्ष करती इस युवा नेता को चुना.
दिचस्प बात ये है कि ये पुरस्कार उस देश के नेता को मिला है जिसे ट्रंप अपना दुश्मन देश मानते हैं. अभी हाल ही के महीनों में वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा है. हालांकि ट्रंप माचाडो को स्वतंत्रता सेनानी कह चुके हैं. मचाडो को वेनेजुएला की आयरन लेडी भी कहा जाता है.आइए जानते हैं इनके बारे में सबकुछ.
कौन हैं मारिया कोरिना माचाडो?
मारिया का जन्म 7 अक्टूबर 1967, कराकस में हुआ. उन्होंने एंड्रेस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग और IESA से फाइनेंस में मास्टर्स की डिग्री ली. राजनीति में आने से पहले,उन्होंने परिवार के व्यवसाय और सामाजिक अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभाई.
2002 में उन्होंने Súmate नामक संगठन की स्थापना की जो चुनाव निगरानी और नागरिक अधिकारों को बढ़ावा देता है. इसके बाद उन्होंने अपने राजनीतिक दल Vente Venezuela की नींव रखी और 2010 में राष्ट्रीय विधानसभा के लिए सबसे ज्यादा वोटों से निर्वाचित हुईं.
2024 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं
माचाडो हमेशा हुगो चावेज़ और निकोलस मादुरो की तानाशाही नीतियों के खिलाफ खड़ी रहीं. 2014 में विरोध प्रदर्शनों में उनकी प्रमुख भूमिका रही. कई बार उन्हें गिरफ्तार किया गया और सार्वजनिक पदों से रोका गया, फिर भी उनका संघर्ष जारी रहा.
मचाडो 2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार थीं. विपक्षी प्राथमिक चुनाव में उन्होंने 92% वोट हासिल किए. जनवरी 2024 में शीर्ष अदालत ने उन्हें सार्वजनिक पद संभालने से रोक दिया, लेकिन उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंज़ालेज का समर्थन जारी रखा. इसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मिला. मचाडो 1 साल से भी ज्यादा समय से देश में ही छुपकर रह रही हैं.
नोबेल से पहले भी मिल चुके हैं ये सम्मान
नोबेल समिति ने कहा कि यह सम्मान उनके अनथक प्रयासों, लोकतांत्रिक अधिकारों की पैरवी और तानाशाही से शांतिपूर्ण लोकतंत्र की दिशा में संघर्ष के लिए है. माचाडो को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (करीब 10.3 करोड़ रुपए), सोने का मेडल और सर्टिफिकेट मिलेगा. पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर, 2025 को ओस्लो में होगा.
2024 सखारोव पुरस्कार: यूरोपीय संसद ने उन्हें और एडमुंडो गोंजालेज को लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह पुरस्कार दिया.
2024 वाच्लाव हावेल मानवाधिकार पुरस्कार: काउंसिल ऑफ यूरोप ने मानवाधिकारों के लिए उनकी मेहनत को सम्मानित किया.
2025 करेज अवॉर्ड: जेनेवा समिट फॉर ह्यूमन राइट्स ने उन्हें और गोंजालेज को यह पुरस्कार दिया,
2018 बीबीसी सम्मान: बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया.