स्वास्थ्य विभाग मलेरिया से निपटने के लिए तैयार , सतर्कता और जागरूकता से ही होगी बीमारी की रोकथम : सीएमओ
चन्दौली : स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया निपटने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वी पी द्विवेदी ने बताया कि जनमानस में मलेरिया के साथ ही साथ कोविड से भी बचाव एवं रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है तथा इसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो परजीवी रोगाणु (प्लाज्मोडिय) से होती है तथा मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह रोगाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं, जिसके कारण मलेरिया होता है।
सीएमओ डॉ वी पी द्विवेदी ने बताया कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) के माध्यम से लोगों की मलेरिया की निःशुल्क जांच एवं ग्रामीण इलाकों में मलेरिया से बचाव के लिए शीघ्र निदान और उपचार किया जा रहा है । आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम के सहयोग से जलभराव वाले स्थानों पर कीटनाशक का छिड़काव व घरों के आसपास साफ-सफाई तथा जल भराव वाले स्थानों को भरने के लिए प्रेरित किया किया जा रहा है । 'हर शनिवार-रविवार मच्छर पर वार' संदेश को और प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है । अभियान के तहत सभी सामूहिक स्थलों एवं स्कूल- कॉलेज, ऑफिस और घरों में मच्छर के प्रजनन वाले स्थानों, जल-जमाव, कूलर, पानी का टंकी, गमला आदि नष्ट करने के लिए जन सामुदायिक से सहयोग की अपील की जा रही है |
सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि लोगों के बीच मलेरिया के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों को जागरूक कर मलेरिया की निःशुल्क जाँच और इलाज विशेषज्ञ व डाक्टरों की देखरेख में जिले के सरकारी अस्पताल सहित केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है। आँगनवाडी कार्यकर्ताओं गर्भवती के टीकाकरण के साथ ही मलेरिया की जांच अवश्य कराएं| इसके साथ ही पाँच साल तक के बच्चों एवं गर्भवती के गृहभ्रमण कर मलेरिया से बचाव के साधनों के जागरूक व नियमित मच्छरदानी लगाने के के लिए प्रेरित कर रही है | साथ ही कोविड संक्रमण के साथ-साथ वेक्टर जनित बीमारियों के प्रति जागरूक रखना होगा।
मलेरिया लक्षण - तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं।
बचाव - मलेरिया के बचाव के लिए अपने आसपास व घरों में साफ-सफाई रखें, कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई जरूर करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, घर में मौजूद पुराने बर्तनों, टायरों एवं खाली गमला, नारियल के खोल आदि में पानी जमा न रहने देना, मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें । किसी को बुखार आने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं डॉक्टर की सलाह पर दवा लें |
रिपोर्ट : ब्यूरो चंदौली